MP News: करवा चौथ के पवित्र अवसर पर उज्जैन के केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में शुक्रवार का दिन भावनाओं, आस्था और मानवीय जुड़ाव से भरा रहा। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि कैद की दीवारें भी रिश्तों, आस्था और सुधार की भावना को रोक नहीं सकतीं।
MP News: कैद की ऊंची दीवारों और सख्त नियमों के बीच भी रिश्तों की डोर उतनी ही मजबूत दिखी, जितनी बाहर की दुनिया में होती है। करवा चौथ के पवित्र अवसर पर उज्जैन के केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में शुक्रवार का दिन भावनाओं, आस्था और मानवीय जुड़ाव से भरा रहा। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि कैद(Karwa Chauth in jail) की दीवारें भी रिश्तों, आस्था और सुधार की भावना को रोक नहीं सकतीं।
जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू के अनुसार, 26 महिला बंदिनियों ने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। ये महिला बंदी वे थीं जिनके पति भी किसी न किसी अपराध में जेल में कैद हैं। शाम के समय जेल के सांस्कृतिक भवन में महिला बंदिनियों को अपने पतियों से विशेष मुलाकात करवाई गई।
जेल प्रशासन की ओर से पूजा थाली, करवा, दीया और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई, जिससे परंपरागत पूजन की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित हुई। कई महिला बंदियों ने छलनी से अपने पति का चेहरा देखा और इस दौरान कई की आंखें नम हो गईं। कुछ ने कहा, 'यह पल हमें जिंदगी की उम्मीद देता है' तो कुछ ने अपने अपराध पर पछतावा व्यक्त किया और कहा कि परिवार की याद ही अब सुधार का सबसे बड़ा कारण है।
यह पहल परंपरा निभाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बंदियों को सुधार और संवेदना की राह पर ले जाने का एक मानवीय प्रयास भी साबित हुई। इस अवसर पर उप अधीक्षक जसमन सिंह डावर, सहायक अधीक्षक सुरेश गोयल व जेलकर्मी भी उपस्थित रहे।