MP News: उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान अखाड़ों द्वारा निकाली जाने वाली पेशवाई के मार्ग को लेकर मंथन शुरू हो गया है। बुधवार को अधिकारियों ने पेशवाई मार्ग का निरीक्षण कर वर्तमान स्थिति का जायजा लिया।
MP News:उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान अखाड़ों द्वारा निकाली जाने वाली पेशवाई के मार्ग को लेकर मंथन शुरू हो गया है। बुधवार को अधिकारियों ने पेशवाई मार्ग का निरीक्षण कर वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। कुछ हिस्से सकरे मिले जिन्हें चौड़ा(Road Widening) करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस दौरान मार्ग पर स्थायी, अस्थायी अतिक्रमण हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी गोपाल डाड ने नगर निगम अपर आयुक्त पवन कुमार सिंह के साथ पेशवाई मार्ग का निरीक्षण किया।
उन्होंने नीलगंगा से शिप्रा छोटी रपट मेला क्षत्र तक परंपरागत पेशवाई मार्ग का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मार्ग पर स्थायी, अस्थायी अतिक्रमण, विद्युत पोल, कहां कितना मार्ग चौड़ा है और कितना चौड़ा(Road Widening) करने की आवश्यकता रहेगी, जैसे बिंदुओं पर मार्ग का आंकलन किया गया। कंठाल, सतीगेट जैसे पुराने शहर के कुछ हिस्सों में मार्ग चौड़ा करने की आवश्यकता महसूस की गई। हालांकि यह मार्ग पहले से चौड़ीकरण योजना में शामिल है। अधिकारी अभी दो-तीन बाद और निरीक्षण कर सकते हैं। इसके बाद वे प्रशासन को पेशवाई मार्ग की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। निरीक्षण में उपयंत्री श्याम शर्मा भी मौजूद थे।
सिंहस्थ में जब अखाड़े अधिक्रत रूप से शहर आते हैं तो वे सबसे पहले पेशवाई निकालते हुए मेला क्षेत्र में अपने छावनी पर पहुंचते हैं। इसके बाद वहां ध्वजा की स्थापना होती है। सिंहस्थ में 13 अखाड़े परंपरागत रूप से पेशवाई निकालेंगे। इनमें 7 शेव, 3 वैष्णव और 3 उदासीन अखाड़े शामिल हैं। पेशवाई अपने परंपरागत मार्ग होते हुए निकाली जाती है। अधिकांश अखाड़े, नीलगंगा व तीन बत्ती से टावर चौराहा होते हुए चामुंडा माता, देवास गेट, दौलतगंज, कंठाल चौराहा से तेलीवाड़ा, खाक चौक से रामघाट छोटी रपट होते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों की छावनी मंगलनाथ क्षेत्र में होती है।