अब सड़कों पर पुरानी गाड़ियाँ बिना फिटनेस सर्टिफिकेट लगाए नहीं चल सकेंगी। यूपी में ऐसे वाहनों की संख्या 46 लाख से ज्यादा है. कहा जा रहा है कि इनमें से 50 फीसदी वाहन इस समय सड़कों पर चल रहे हैं। अकेले राजधानी लखनऊ में 15 साल पुरानी गाड़ियां जो कि रजिस्टर्ड नहीं है उनकी संख्या लगभग 5 लाख 32 हजार है जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है।
Vehicle Fitness New Rule: अब पुरानी गाड़ी रखने वाले लोगों के लिए ज़रूरी खबर है। अब वे अपनी गाड़ियों को बिना फिटनेस सर्टिफिकेट लगाए नहीं चला सकेंगे। ये फिटनेस सर्टिफिके उन्हें अपनी विंड स्क्रीन पर लगाना होगा। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पुरानी गाड़ियों के लिए फिटनेस सबंधी ड्रॉफ्ट नियम जारी किया है। मंत्रालय ने इसके लिए ड्रॉफ्ट नोटीफिकेशन जारी किया, जिसमें सभी पक्षों से 30 दिन में आपत्ति/सुझाव मांगे गए हैं। बताया जा रहा है कि इसके बाद इस नियम को सरकार लागू कर देगी। जानकारी के मुताबिक इस फैसले में 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने निजी वाहनों को सड़क से हटाने का आदेश दिया जा सकता है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों पर बड़ा जुर्माना करने का प्रावधान भी सरकार कर रही है।
आपको बता दें कि यूपी में ऐसे वाहनों की संख्या 46 लाख से ज्यादा है. कहा जा रहा है कि इनमें से 50 फीसदी वाहन इस समय सड़कों पर चल रहे हैं। यह आंकड़ा 1 अगस्त 2020 तक का है। आरटीओ उन सभी से जो कि 15 साल पुरानी बाइक और कार बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर चला रहे उन सभी से पांच हजार रुपये जुर्माना लेगा। अकेले राजधानी लखनऊ में 15 साल पुरानी गाड़ियां जो कि रजिस्टर्ड नहीं है उनकी संख्या लगभग 5 लाख 32 हजार है जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है।
दो-पहिया वाहनों की बात करें तो इनमें जो भी खाली जगह होगी वहां ये फिटनेस सर्टिफिकेट लगाया जाएगा जैसे कि मडगार्ड या फिर मास्क अथवा एप्रॉन पर। दिल्ली और हरियाणा सरकार पहले ही ये फैसला सुना चुकी हैं और 1 अप्रैल इस इस नियम को रख्ती से लागू करने वाली हैं। बता दें कि नया नियम लागू हो जाने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले पुराने वाहन अगर सड़क पर चलते पाए गए तो उन्हें तत्काल स्क्रैप होने के लिए भेज दिया जाएगा।
बता दें फिटनेस सर्टिफिकेट के दो तरह के फॉर्मेट डिजाइन किए गए हैं। भारी वाहनों के लिए अलग और छोटे वाहनों के लिए अलग। इस फॉर्मेट में फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता - DDMMYYYY लिखी होगी। इसी के साथ ही नीचे गाड़ी की रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा। इसके अलावा भारी, मझोले और छोटे माल वाहन यानी की पैसेंजर वाहनों पर ये सर्टिफिकेट विंड शील्ड पर बाएं तरफ लगाना होगा। इन वाहनों को अपनी गाड़ियों की विंड शील्ड पर नीले बैकग्राउंड पर, पीले रंग से लिखना होगा। इसके अलावा छोटे वाहन, ई-रिक्शा ऑटो पर भी फिटनेस सर्टिफिकेट लगाना बेहद जरूरी होगा। साथ ही जिन गाड़ियों में विंड शील्ड नहीं है उनमें बॉडी पर लगाना अनिवार्य होगा, जहां से आसानी से दिख सके।