प्रदेश में घुसपैठियों की आवाजाही पर लगाम लगाने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस सघन अभियान चलाकर रोहिंग्याओ और बांग्लादेशियों को चिन्हित कर रही है। सोमवार की रात शहर में कई स्थानों पर चेकिंग कई गई, इस दौरान भारी फोर्स देख अफरा तफरी मची रही।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को चिन्हित करने का काम चल रहा है।वाराणसी में अवैध तरीके से आशियाना बनाकर रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तलाश में ऑपरेशन टॉर्च" चलाया गया। सोमवार की रात में पुलिस अधिकारी भारी फोर्स के साथ शहर में निकले और जगह-जगह बनी संदिग्ध बस्तियों में पहुंच गए। रात के अंधेरे में इन झुग्गी झोपड़ियों में पड़ताल की। टार्च लगाकर पारिवारिक सदस्यों की गिनती की गई।
शहर में पुलिस की 10 टीमों ने अपने निर्धारित स्थलों पर छापेमारी की। पुलिस ने दर्जनों झुग्गी-झोपड़ियों की तलाशी ली, जिसमें अवैध तरीके से लोग वर्षों से बसे हैं। थाना सिगरा क्षेत्र के शिवपुरवा स्थित हाता इलाके में पूरी बस्ती मिली तो उनसे सघन पूछताछ की गई। वहां रहने वालों से आधार कार्ड, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर सहित उनकी नागरिकता से जुड़ी जानकारी जुटाई गई। जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज नहीं मिले, उन्हें पुलिस ने चिह्नित करते हुए जांच सूची में शामिल कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, यह पूरी बस्ती समाजवादी पार्टी के एक नेता की जमीन पर कई वर्षों से बसी हुई है, जहां बड़ी संख्या में बाहरी लोग रह रहे हैं। प्रशासन इस क्षेत्र को पहले से ही निगरानी में रखे हुए था।
वाराणसी में भी ऑपरेशन टॉर्च में एडिशनल सीपी भी पुलिस फोर्स के साथ नदेसर इलाके में पहुंचे। भारी संख्या में पुलिस देख लोगों में अफरा तफरी मच गई। पुलिस ने लोगों से आधार कार्ड और व्यवसाय संबंधी पूछताछ की और उनके काम का पूरा विवरण जाना। जिस दुकान पर काम करते उसकी लोकेशन, मालिक का नाम, नंबर समेत पूरी डिटेल ली। इस दौरान टीम ने लगभग 27 परिवारों को चिह्नित किया। इन सभी के आधार कार्ड देखे तो सभी वीरपुर पश्चिम बंगाल के निवासी हैं। इस बस्ती के बच्चे कूड़ा बीनने का काम करते हैं। वहीं मां, बाप शहर के अन्य जगहों पर छोटा मोटा काम करते हैं। इस दौरान पुलिस ने देर रात तक सघन चेकिंग अभियान चलाकर दस्तावेजों की जांच की गई।