Temple in Muslim Country: इस मुस्लिम देश में दो साल पहले सूर्य मंदिर की खोज हुई थी जो आज से 4000 साल पहले से भी ज्यादा पुराना बताया गया था। अब 2100 साल पुराने मंदिर की खोज हुई है।
Temple in Muslim Country: हजारों साल पहले धरती पर क्या था, कौन से देश थे, कौन से साम्राज्य थे, कौन सी सभ्यताएं थीं, इन सबका पता देश-विदेश के बड़े-बड़े पुरात्तवविद लगाते हैं। लेकिन अब पुरात्तवविदों को कुछ ऐसा मिला है, जिसने कई लोगों के मन में जिज्ञासा पैदा कर दी है। दरअसल मुस्लिम देश मिस्र (Egypt) में कई सालों से लगातार हजारों साल पुराने मंदिर मिल रहे हैं, हाल ही में यहां पर 2100 साल पुराना मंदिर मिला है जो एक देवी का है। इस मंदिर के बारे में पुरात्तवविदों का क्या खास मिला है, क्या इसकी विशेषता हैं, वो सब हम आपको बता रहे हैं।
अमेरिका में स्थित विज्ञान और प्रकृति से जुड़ी खबरों का अध्ययन करने वाली पत्रिका स्मिथसोनियन मैग्ज़ीन ने एक हफ्ते पहले एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसके मुताबिक मिस्र में नील नदी के पास बसे अथ्रीबिस नामक स्थान पर जर्मन और मिस्र के पुरातत्वविदों की एक टीम ने इस पर शोध किया है। इन पुरात्तवविदों ने एक 2100 साल पुराने मंदिर की खोज की है। ये प्राचीन मिस्र की सभ्यता और धार्मिक परंपराओं का एक अहम केंद्र माना गया है। पुरात्तवविदों के मुताबिक ये मंदिर ‘टॉलेमिक युग’ (लगभग 2वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के दौरान बनाया गया था। ये मंदिर उस वक्त का है जब टॉलेमी वंश मिस्र पर शासन कर रहा था, जिसकी स्थापना सिकंदर (अलेक्जेंडर) के जनरल टॉलेमी ने की थी।
इस पत्रिका में पुरात्तवविदों के शोध का हवाला देते हुए बताया गया है कि ये मंदिर प्रेम, संगीत,कला और सौंदर्य की देवी ‘हैथोर’ को समर्पित है। हैथोर प्राचीन मिस्र में एक महत्वपूर्ण देवी मानी जाती थीं। मंदिर के गर्भगृह में देवी हैथोर की प्रतिमा और दूसरे अनुष्ठान में इस्तेमाल किए जाने वाला सामान भी मिला है।
पुरातत्वविदों की खुदाई के दौरान इस मंदिर में बड़ी संख्या में भित्तिचित्र (Hieroglyphs), चित्रलिपियां और शिलालेख मिले है, इन पर मुस्लिम देश मिस्र की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में बताया गया है। मंदिर की दीवारों पर चित्र और आलेख देवी हैथोर की पूजा, अनुष्ठानों और टॉलेमिक युग के जीवन को बतलाते हैं। इन शिलालेखों में प्राचीन मिस्र की डेमोटिक और हायरोग्लिफिक लिपियां मिली हैं। डेमोटिक लिपि टॉलेमिक युग में आम बोल-चाल की भाषा के तौर पर बोली जाती थी। यह स्थान प्राचीन मिस्रवासियों के लिए पूजा और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र था।
मिस्र में दो साल पहले सूर्य मंदिर की भी खोज हुई थी। साल 2022 को मिस्र के पुरातत्वविदों ने 4500 साल पहले बना सूर्य मंदिर मिला था। ये मंदिर राजधानी काहिरा के दक्षिण में अबुसीर में राजा नुसेरे के मंदिर के नीचे मिला था। कहा गया था कि ये मंदिर पांचवी सदी में खोए हुए मंदिरों में से एक था।
मिस्र में अब तक कर्णक मंदिर (2000 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व), अबू सिम्बल मंदिर (1264-1244 ईसा पूर्व), लक्सर मंदिर (1400 ईसा पूर्व), हटशेप्सुट का मंदिर (15वीं शताब्दी ईसापूर्व), फिला मंदिर (टॉलेमिक युग में लगभग 380-362 ईसा पूर्व), एडफू का मंदिर (टॉलेमिक युग), डेन्डेरा का मंदिर (2250 ईसा पूर्व) मिल चुके हैं। य़े सभी मंदिर प्राचीन मिस्र के देवी-देवताओं को समर्पित हैं।