क्या अमेरिकी हमलों से ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह नहीं हुए? क्या कहती है इस बारे में सामने आई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट? आइए जानते हैं।
इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच युद्ध की शुरुआत इज़रायल ने की थी और अमेरिका (United States Of America) ने भी इज़रायल की मदद की। इज़रायली हमलों का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु प्रोग्राम को खत्म करना था, जिसके लिए इज़रायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। अमेरिका ने भी इज़रायल की मदद करते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर भारी बंकर बस्टर बम गिराए। अब युद्ध खत्म हो चुका है। अमेरिका और इज़रायल, दोनों ही यह उम्मीद जता रहे हैं कि ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह हो गए हैं और अब ईरान लंबे समय तक परमाणु हथियार नहीं बना सकेगा। हालांकि अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
ईरान ने दावा किया था कि अमेरिकी हमलों से उनके परमाणु ठिकानों को नुकसान ज़रूर पहुंचा, लेकिन उनके ठिकाने तबाह नहीं हुए। अब अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने भी इस बात के सच होने का दावा किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान के परमाणु ठिकानों के तबाह न होने की खुफिया रिपोर्ट को फेक न्यूज़ बताया है। ट्रंप ने इस खुफिया रिपोर्ट को चलाने वाले मीडिया चैनल्स पर भी निशाना साधा है। साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा है कि अब ईरान कई सालों तक परमाणु हथियार बनाने के बारे में सोच भी नहीं सकेगा, क्योंकि अमेरिकी हमलों से ईरान का परमाणु प्रोग्राम कई दशकों पीछे चला गया है।
युद्ध खत्म होने के बाद ईरान ने भी वादा किया है कि उनका परमाणु प्रोग्राम फिर से शुरू होगा। इज़रायली और अमेरिकी हमकों से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद ईरान एक बार फिर अपने परमाणु लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करना शरू कर देगा।
ईरान ने साफ कर दिया है कि अमेरिका और इज़रायल, उसके परमाणु प्रोग्राम को खत्म करने में नाकाम रहे और सभी हमलों के बावजूद ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह नहीं हुए हैं। ईरान ने यह भी साफ कर दिया है कि अभी भी उनके पास यूरेनियम का भंडार है। ऐसे में यह भी देखना होगा कि इज़रायल और अमेरिका का इस विषय में ईरान के प्रति क्या रुख रहेगा, क्योंकि अगर ईरान जल्द ही फिर से अपने परमाणु प्रोग्राम पर काम शुरू करता है, तो इज़रायल और अमेरिका का ईरान से तनाव फिर से बढ़ सकता है।
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