विदेश

कनाडा फर्स्ट की नीति आक्रामक तरीके से लागू, नौकरी में कैनेडियनों को प्राथमिकता देने के सख्त आदेश

कनाडाई सरकार ने देश के नियोक्ताओं को नौकरियों में कैनेडियनों को प्राथमिकता देने की स्पष्ट चेतावनी दी है। इसके अनुसार, नियोक्ताओं को यह साबित करना होगा कि उन्होंने कनाडियाई श्रमिकों की तलाश पूरी न हो पाने की स्थिति में ही विदेशी लोगों को नौकरी दी है।

2 min read
Oct 08, 2025
कनाडा के पीएम मार्क कार्नी (फोटो- एएनआई)

कनाडा सरकार ने देश में कनाडा फर्स्ट की नीति को गंभीर रूप से लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत सरकार ने स्थानीय नियोक्ताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि नौकरी देने में पहले कैनेडियनों को प्राथमिकता देना अनिवार्य है। अगर योग्य कैनेडियाई या स्थायी निवासी नौकरी नहीं ले पा रहे हों, तभी नियोक्ता विदेशी कामगारों की ओर रुख कर सकेंगे। कनाडा की संघीय सरकार ने टेंपरेरी फॉरेन वर्कर प्रोग्राम (टीएफडब्ल्यू) के अनुपालन की रिपोर्ट पहली बार जारी करते हुए बताया कि इन नियमों के अनुपालन के लिए सख्ती बरतते हुए इनके उल्लंघन पर पेनाल्टी बढ़ाई जा रही है। इस कदम से भारत समेत अन्य देशों से नौकरी और वर्क परमिट पाने की राह और भी मुश्किल हो सकती है।

ये भी पढ़ें

खाड़ी के छह देशों के लिए जल्द जारी होगा एकीकृत वीजा, जानें कैसे भारतीयों को होगा इसका सबसे अधिक लाभ

नियोक्ता साबित करे की उन्होंने कनाडियाई श्रमिकों की तलाश की

सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि नियोक्ताओं को यह साबित करना होगा कि उन्होंने कनाडियाई श्रमिकों की तलाश पूरी न हो पाने की स्थिति में ही विदेशी नौकरी देने की मांग की। इसके अलावा, आवेदन लंबित रहते हुए भी नियोक्ताओं को भर्ती प्रक्रिया जारी रखनी होगी। प्रोग्राम की जारी की गई क्रियान्वयन रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में 1,435 नियोक्ताओं का निरीक्षण किया गया, उसमें लगभग 10% यानी 143 को दोषी पाया गया।

नियोक्ताओं पर 48 लाख डॉलर का जुर्माना

इसके चलते 36 नियोक्ताओं को टीएफडब्ल्यू कार्यक्रम से प्रतिबंधित किया गया (जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है)। इसी अवधि में नियोक्ताओं पर दंड राशि करीब 20 लाख 67 हजार डॉलर से बढ़कर 48 लाख 82 डॉलर हो गई। उदाहरण के लिए, एक कृषि कंपनी पर 212,000 डॉलर का जुर्माना और दो वर्ष का प्रतिबंध लगाया गया; एक निर्माण कम्पनी पर 161000 जुर्माना और 5 वर्षों का प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने नियोक्ताओं को यह भी स्पष्ट किया कि यदि वे विदेशी कामगार लेते हैं, तो उन्हें सुरक्षित, स्वास्थ्यपूर्ण और गरिमापूर्ण कार्य वातावरण देना अनिवार्य है।

Published on:
08 Oct 2025 08:26 am
Also Read
View All

अगली खबर