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Mark Carney कौन हैं जो PM जस्टिन ट्रुडो की जगह लेंगे, कार्नी ने Trump को दिखाए तीखे तेवर

Mark Carney :कनाडा में पहली बार एक बाहरी गैर राजनीतिक व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। इससे भारत और कनाडा के बीच संबंध मधुर होने के आसार बने हैं।

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Mar 10, 2025
Mark Carney

Mark Carney: कनाडा (Canada)में 59 वर्षीय मार्क कार्नी (Mark Carney) प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो (Justin Trudeau) की जगह लेंगे, जिन्होंने जनवरी में अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, लेकिन आगामी दिनों में उनके उत्तराधिकारी के शपथ लेने तक वो प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने रविवार को मार्क कार्नी को अपना नेता चुना है। कार्नी ने 86 प्रतिशत सदस्यों के वोट प्राप्त किए हैं। ध्यान रहे कि कनाडा इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) के ट्रेड वॉर और विलय के खतरे का सामना कर रहा है। ध्यान रहे कि वे अब तक केंद्रीय बैंकों के गवर्नर रहे हैं। उन्होंने वित्तीय संकटों का सफलतापूर्वक सामना किया और कनाडा को संकटों से जल्दी उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में ब्रिटेन में बैंक ऑफ इंग्लैंड को भी मजबूती मिली। कार्नी का कहना है कि कनाडा कभी भी अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा, और ट्रंप के व्यापार युद्ध और विलय के धमकियों के खिलाफ कनाडा की स्थिरता बनाए रखेंगे।

कौन हैं मार्क कार्नी?

मार्क कार्नी का जन्म कनाडा के फोर्ट स्मिथ, नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज में हुआ और उनका बचपन एडमंटन में गुजरा। इसके बाद, वे अमेरिका चले गए और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद यूके चले गए, जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री, फिर 1995 में अर्थशास्त्र में पीएचडी की।

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सबसे उपयुक्त व्यक्ति

कार्नी ने ट्रंप को अपने तीखे तेवर दिखा दिए हैं। कार्नी ने इस अवसर पर कहा कि उनका अनुभव, जिसमें वे दो G7 देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके हैं, उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सबसे उपयुक्त व्यक्ति बनाता है। वे 2008 में बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर बने थे और 2013 में बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने थे, जहाँ वे 300 वर्षों में पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने थे।

दुनिया के 25 सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल

उनकी कड़ी मेहनत और सफलता के कारण उन्हें 2010 में टाइम मैगज़ीन द्वारा दुनिया के 25 सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल किया गया था, और 2012 में यूरोमनी मैगज़ीन ने उन्हें "सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर" का खिताब दिया था। मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से कनाडा में नए नेतृत्व और आर्थिक स्थिरता की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने

वहीं 2013 में मार्क कार्नी बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने, इसके बाद वह 300 साल के इतिहास में इस बैंक का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने। उन्होंने साल 2020 तक इस पद पर काम किया। हाल के दिनों मेंकार्नी ने यूएन के क्लाइमेट एक्शन और फाइनेंस पर विशेष दूत और ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट में ट्रांजिशन इन्वेस्टिंग के प्रमुख जैसे पद संभाले।

बैंक ऑफ कनाडा के प्रमुख

गौरतलब है कि जब मार्क कार्नी बैंक ऑफ कनाडा के प्रमुख थे, तब उन्होंने संकटों का सामना किया था और जब 2013 में कार्नी 1694 में बैंक ऑफ इंग्लैंड की स्थापना के बाद से उसे चलाने वाले पहले गैर-नागरिक बने थे। उनकी नियुक्ति को ब्रिटेन में बहुत तारीफ मिली, क्योंकि कनाडा 2008 के वित्तीय संकट से कई अन्य देशों की तुलना में तेजी से उबर गया था और विपक्षी कन्जर्वेटिवों को उम्मीद थी कि चुनाव ट्रुडो के इर्द-गिर्द ही रहेगा, जिनकी लोकप्रियता खाद्य और आवास की कीमतों में वृद्धि और इमिग्रेशन में उछाल के कारण कम हुई है।

डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर की वजह से रार

डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर और कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की उनकी बात से कनाडा के लोग नाराज हो गए हैं, जो एनएचएल (NHL) और एनबीए (NBA) खेलों में अमेरिकी राष्ट्रगान का विरोध कर रहे हैं और कुछ लोग द​क्षिणी सीमा में यात्राएं रद्द कर रहे हैं। इसके साथ ही कई लोग संभव हो तो अमेरिकी सामान खरीदने से बच रहे हैं।

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