Retirement age: सरकार ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की योजना लागू करने की घोषणा की है, जो जनवरी 2025 से शुरू होकर अगले 15 बरसों में लागू की जाएगी।
Retirement age: सरकार के अनुसार नए नियमों के तहत चीन में सेवानिवृत्ति की आयु (Retirement age) धीरे-धीरे पुरुष कर्मचारियों के लिए 63 वर्ष और महिलाओं के लिए उनके व्यवसाय के अनुसार 55 से 58 वर्ष कर दी जाएगी। पहले, शहरी क्षेत्रों में पुरुषों को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने और पेंशन प्राप्त करने की अनुमति थी, जबकि महिलाओं को उनके व्यवसाय के आधार पर 50 या 55 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने की अनुमति थी।
इस कदम का उद्देश्य चीन (China) की संकुचित कार्यबल, घटती अर्थव्यवस्था और वृद्ध नागरिकों के लिए पेंशन फंड (Pension Funding) की कमी से निपटना है। चीन सरकार के मुताबिक पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम कामकाजी अवधि को 15 साल से बढ़ा कर 20 साल करने की योजना है, जो 2030 तक लागू होगी।
चीन सरकार के इन प्रस्तावित बदलावों को लेकर सोशल मीडिया पर व्यापक विरोध हो रहा है। नागरिकों का कहना है कि यह कदम उनका कार्यकाल बढ़ाने और पेंशन तक पहुंच को विलंबित करने के लिए है, जबकि देश में युवाओं की बेरोजगारी उच्च स्तर पर बनी हुई है।
चीन की वृद्ध जनसंख्या वर्तमान में कुल जनसंख्या का लगभग 20% है और सन 2030-2035 तक 30% और 2050 तक 40% तक पहुंचने की संभावना है। चीनी अकादमी ऑफ सोशल साइंसेज की 2019 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि राज्य पेंशन फंड 2035 तक खत्म हो सकता है, क्योंकि कार्यबल घट रहा है और महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के कारण स्थानीय सरकारों के फंड सिकुड़ गए हैं।
चीन में रोजगार बाजार अभी भी चुनौतीपूर्ण है और जुलाई में 16-24 साल की उम्र के युवाओं की बेरोजगारी दर 17.1% और 25-29 साल के युवाओं के लिए 6.5% थी। इसके अलावा, 35 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए नौकरी में उम्र भेदभाव की शिकायतें भी हैं।
पिछले साल, कई वृद्ध नागरिकों ने बड़े शहरों में अपने चिकित्सा लाभों में कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन प्रदर्शनों में लोगों ने आशंका जताई थी कि सरकार पेंशन फंड की कमी पूरी करने के लिए उन्हें दबाव में डाल रही है।
चीनी सरकार की यह योजना रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने और पेंशन के लिए कामकाजी अवधि (Workforce Crisis) बढ़ाने की है, जो इन जटिल जनसांख्यिकीय और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाई गई है। हालांकि, इस फैसले ने नागरिकों में चिंता और असंतोष को जन्म दिया है, जो उनकी वित्तीय और रोजगार सुरक्षा पर इसके प्रभाव के लिए चिंतित हैं।