Countries without food production: ये देश कृषि के लिए उपयुक्त भूमि या जलवायु के अभाव के कारण, अनाज और खाद्य जैसे उत्पादों के लिए दूसरे देशों से आयात पर निर्भर रहते हैं।
Countries without food production: पूरी दुनिया में खाद्यान्न की आपूर्ति सबसे बड़ा व्यापार माना जाता है। क्योंकि इसी अन्न के एक दाने के लिए हर शख्स कमाता है। इसी दाने के लिए आज युद्धग्रस्त देशों के लोग तरस रहे हैं। भारत को तो कृषि प्रधान देश कहा जाता है। यहां की जलवायु हर तरह के खाद्यान्न उगाने के लिए अनुकूल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसी जगह है जहां पर अन्न का एक दाना भी नहीं उगाया जा सकता। तो आइए जानते हैं ये कौन सी जगहें हैं और वहां खेती-बाड़ी क्यों नहीं होती। आखिर ये देश अपने खाने-पीने की ज़रूरतों को कहां से पूरा करते हैं?
दुनिया में ऐसे 5 देश हैं जहां पर अन्न का एक दाना भी नहीं उगाया जा सकता ना ही यहां पर फल या सब्जी उगाई जा सकती है। ये देश हैं सिंगापुर, ग्रीनलैंड, मोनाको, कतर, वेटिकन सिटी।
ये देश कृषि के लिए उपयुक्त भूमि या जलवायु के अभाव के कारण, अनाज और खाद्य जैसे उत्पादों के लिए आयात पर निर्भर रहते हैं। ग्रीनलैंड जैसे देश तो पूरी तरह डेनमार्क, यूरोप, उत्तरी अमेरिका से भोजन मंगाता है। वहीं मोनाको इटली और फ्रांस पर निर्भर हैं। देखा जाए वेटिकन सिटी जो दुनिया का सबसे छोटा देश हैं वो भी अपने खाद्य उत्पादों के लिए पूरी तरह से इटली पर निर्भर है। वहीं सिंगापुर भारत, मलेशिया, वियतनाम, थाईलैंड जैसे देशों से आयात करते हैं और क़तर ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और तुर्की पर निर्भर हैं। खास बात ये है कि सिंगापुर और कतर सबसे ज्यादा भारत से आयात करता है।
2022 के आंकड़ों के मुताबिक सिंगापुर मुख्य रूप से भारत से बेकरी आइटम्स ( ब्रेड, पेस्ट्री, केक ), चावल, सब्जियां, गेहूं, आटा मंगाता है। इनके अलावा सॉस, मेवे, सभी प्रकार के फल, दूध के उत्पाद भी सिंगापुर में भारत से आयात किए जाते हैं।
क़तर भारत से कई प्रकार के खाद्य पदार्थ आयात करता हैं, जैसे बेकरी आइटम्स, सब्जियां, गेहूं, आटा और चावल।