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30 सितंबर की आधी रात तक नहीं बनी बात तो अमेरिका में ठप हो जाएगा सरकारी कामकाज! ट्रंप के सामने खड़ी हुई समस्या

अमेरिका सरकारी शटडाउन की कगार पर है। 30 सितंबर तक कांग्रेस फंडिंग पर सहमति नहीं बनती है, तो सरकार का बड़ा हिस्सा बंद हो जाएगा। इससे लाखों कर्मचारियों की तनख्वाह रुकेगी। राष्ट्रपति और डेमोक्रेट नेताओं के बीच टकराव बढ़ रहा है, जिससे स्थिति जटिल हो गई है।

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Sep 30, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo-IANS)

अमेरिका फिर सरकारी शटडाउन की कगार पर खड़ा है। अगर 30 सितंबर की मध्यरात्रि तक कांग्रेस फंडिंग पर सहमत नहीं होती, तो सरकार के बड़े हिस्से का कामकाज बंद हो जाएगा।

लाखों कर्मचारियों की तनख्वाह रुक जाएगी। यह मामला केवल बजट तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट नेताओं के बीच टकराव अब राजनीतिक टकराव का रूप ले चुका है।

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शटडाउन की स्थिति का कारण क्या है?

अमेरिकी सरकार का वित्तीय वर्ष 1 अक्टूबर से शुरू होता है। उससे पहले तक बजट पारित होना जरूरी है। रिपब्लिकन-नियंत्रित प्रतिनिधि सभा ने एक फंडिंग बिल पास किया, लेकिन सीनेट में डेमोक्रेट्स ने उसे खारिज कर दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने डेमोक्रेट नेताओं से बातचीत रद्द कर दी और उनकी मांगों को गंभीर नहीं बताया। अब ट्रंप इन नेताओं से बात कर सकते हैं।

मुख्य विवाद क्या हैं?

डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली सब्सिडी जारी रहे। मेडिकेड कटौती वापस ली जाए। पब्लिक मीडिया के लिए फंडिंग बहाल की जाए।

रिपब्लिकन इन मांगों को अस्वीकार कर चुके हैं और कहते हैं कि यह शटडाउन रोकने की प्रक्रिया से जुड़ा नहीं हैं। सीनेट के बहुमत नेता जॉन थ्यून ने इन्हें अनुचित और असंगत करार दिया।

कर्मचारियों पर क्या असर होगा?

ट्रंप प्रशासन पहले से ही संघीय कर्मचारियों की संख्या कम करने की योजना पर काम कर रहा है। हजारों कर्मचारियों को छंटनी या जल्दी रिटायरमेंट के जरिए हटाया जा रहा है।

कुल मिलाकर इस साल करीब 2.75 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं, जो 1940 के दशक के बाद सबसे बड़ी कमी होगी। अगर शटडाउन होता है, तो यह स्थिति और गंभीर होगी। जिन प्रोग्रामों को फंडिंग नहीं मिलेगी, वहां स्थायी छंटनी करनी होगी।

आम जनता पर क्या होगा असर?

  • लाखों सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के काम करेंगे या घर भेज दिए जाएंगे।
  • जरूरी सेवाएं जैसे सामाजिक सुरक्षा, सेना, इमिग्रेशन और हवाई यातायात चालू रहेंगी, लेकिन स्टाफ कम होगा।
  • नेशनल पार्क, म्यूज़ियम और अन्य जगहें बंद हो सकती हैं।
  • खाद्य सुरक्षा जांच और इमिग्रेशन सुनवाई में देरी होगी।

अमेरिका पर क्या आर्थिक असर?

2018 में हुए 34 दिन लंबे शटडाउन से पता चला था कि इसका असर बड़ा होता है। अगर यह इस बार भी लंबा चला तो आर्थिक विकास धीमा होगा।

बाजार में अस्थिरता बढ़ेगी और सरकार पर जनता का भरोसा हिल सकता है। यह केवल बजट की लड़ाई नहीं, बल्कि अमरीका की राजनीतिक दिशा और आम जनता की जिंदगी पर गहरा असर डालने वाला संकट है।

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