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Cyber Attack के बाद यूरोप भर में उड़ानें रद्द, भारतीय यात्रियों को भी हो सकती है परेशानी

Europe Flight Disruption 2025: यूरोप में एक बड़े साइबर हमले के चलते लंदन, ब्रुसेल्स और बर्लिन एयरपोर्ट की उड़ानों में भारी व्यवधान हुआ है।

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Sep 20, 2025
बड़े साइबर हमले से यूरोप के कई प्रमुख हवाई अड्डों की व्यवस्था हिली। (फोटो: X Handle Domenico Antonio Valvano.)

Europe Flight Disruption 2025: एक बड़े साइबर हमले ने यूरोप के कई प्रमुख हवाई अड्डों की व्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया( Europe Flight Disruption 2025) है। इससे न केवल यूरोप में सफर कर रहे यात्री प्रभावित हुए हैं, बल्कि भारत से यूरोप जाने या आने वाले यात्रियों पर भी इसका असर देखा जा सकता है। यह साइबर हमला (Cyberattack Europe airport) दुनिया की जानी-मानी एयरलाइन टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर कोलिन्स एयरोस्पेस को निशाना बना कर किया गया। इसके चलते लंदन हीथ्रो, ब्रुसेल्स और बर्लिन (Brussels Berlin flights affected) जैसे व्यस्त हवाई अड्डों पर चेक-इन और बोर्डिंग की डिजिटल प्रणाली ठप(Heathrow flight cancel India) हो गई। हालात ये हैं कि स्वचालित सिस्टम काम नहीं कर रहे हैं, और एयरलाइंस को मैन्युअल तरीके से यात्रियों का चेक-इन करना पड़ रहा है। इससे न केवल लंबी कतारें लग गई हैं, बल्कि कई उड़ानें देर से चल रही हैं या फिर पूरी तरह रद्द कर दी गई हैं।

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भारत से जुड़े यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत(Flights to India delayed)

इस हमले का सीधा असर भारत से यूरोप जाने वाले या यूरोप से भारत लौटने वाले यात्रियों पर भी पड़ सकता है। खासतौर पर वे लोग जिनकी उड़ान लंदन, ब्रुसेल्स या बर्लिन के रास्ते से जुड़ी है, उन्हें अपनी फ्लाइट की स्थिति की पुष्टि पहले ही कर लेनी चाहिए। एयरलाइंस लगातार यात्रियों को अपडेट भेज रही हैं, लेकिन टेक्निकल बाधा के कारण कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी प्रभावित हो सकती हैं।

एयरपोर्ट जाने से पहले क्या करें ?

अपनी एयरलाइन से संपर्क करें – मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए अपनी फ्लाइट की स्थिति की पुष्टि करें।

अतिरिक्त समय लेकर निकलें – मैन्युअल प्रक्रियाओं के कारण हवाई अड्डों पर अधिक समय लग सकता है।

फ्लाइट रूट की जानकारी रखें – यदि आपकी उड़ान किसी प्रभावित हवाई अड्डे से होकर जाती है, तो वैकल्पिक योजना रखें।

कितनी बड़ी है यह साइबर घटना ?

विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला एक सुनियोजित साइबर अटैक हो सकता है, जिसका मकसद प्रमुख हवाई सेवाओं को बाधित करना था। कोलिन्स एयरोस्पेस, जो दुनियाभर की एयरलाइंस को आईटी सेवाएं प्रदान करती है, उसके ठप होने से यह संकट और बढ़ गया।

एजेंसियां हमले की जांच में जुटीं

यूरोपीय एजेंसियां इस हमले की जांच में जुटी हुई हैं। हालांकि यह बात अभी साफ नहीं है कि इसके पीछे कौन जिम्मेदार है, लेकिन साइबर सुरक्षा को लेकर अब और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।

वैश्विक स्तर पर एयर ट्रैवल की सुरक्षा के लिए चेतावनी

बहरहाल यूरोप में हुआ यह साइबर हमला सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर एयर ट्रैवल की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। भारत के यात्री जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी यात्रा की हर जानकारी पहले से जांच लेनी चाहिए।

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