ब्रह्मांड से ऐसी रेडियो तरंग आई है जिससे वैज्ञानिक भी हैरान हो गए हैं। क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
ब्रह्मांड की गहराइयों से आने वाली एक बेहद शक्तिशाली रेडियो तरंग ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। इसे अब तक देखी गई सबसे चमकीली ‘फास्ट रेडियो बर्स्ट’ (एफआरबी) बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसे ‘आरबीफ्लोट’ यानी कि ‘रेडियो ब्राइटेस्ट फ्लैश ऑफ ऑल टाइम’ का नाम दिया है। मार्च 2025 में मिली इस रेडियो तरंग ने एक मिलीसेकंड से भी कम समय में इतनी एनर्जी छोड़ी, जितनी एनर्जी सूर्य 4 दिन में पैदा करता है।
'फास्ट रेडियो बर्स्ट' एक मिलीसेकंड जितनी छोटी सी अवधि में पूरी आकाशगंगा के सभी रेडियो स्रोतों से भी ज़्यादा चमकदार हो सकती हैं। 2007 में पहली बार खोजी गई इन तरंगों का स्रोत आज तक रहस्य बना हुआ है। कनाडा की ’चाइम’ (कैनेडियन हाइड्रोजन इंटेंसिटी मैपिंग एक्सपेरिमेंट) दूरबीन ने 2018 से अब तक हज़ारों एफआरबी का पता लगाया है। बड़ा सवाल यह है कि दोहराने वाले और एक बार आने वाले एफआरबी के स्रोत क्या अलग-अलग हैं या एक ही है?
कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय की एक प्रोफेसर ने बताया कि ’यह एफआरबी ऊर्जावान रूप से उन दोहराने वाले एफआरबी से अलग दिखती है जिन्हें वैज्ञानिक जानते हैं। यह परिणाम एक ’टर्निंग पॉइंट’ जैसा है। अब वैज्ञानिक सिर्फ इन रहस्यमयी तरंगों का पता ही नहीं लगा रहे, बल्कि इन्हें ठीक-ठीक देख भी सकते हैं कि वो कहाँ से आ रही हैं। अब वैज्ञानिक यह पता लगाना शुरू कर सकते हैं कि क्या वो टूटते तारों, विदेशी चुंबकीय वस्तुओं, या कुछ ऐसी चीज़ से उत्पन्न होती हैं जिसके बारे में वैज्ञानिकों ने अभी तक सोचा भी नहीं है। वैज्ञानिक अब हर साल सैकड़ों एफआरबी का सटीक स्थान पता लगाने की राह पर हैं।
आरबीफ्लोट की खोज केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि ब्रह्मांड के सबसे गहरे रहस्यों में से एक को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जैसे-जैसे वैज्ञानिक और ज़्यादा एफआरबी के सटीक स्थान पता लगाएंगे, वैसे-वैसे ब्रह्मांड की इन रहस्यमयी रेडियो तरंगों के पीछे छिपे सच को समझने के और करीब पहुंचा जाएगा।