ईरान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़रायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ फतवा जारी हो गया है। क्या है इसकी वजह? आइए जानते हैं।
इज़रायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच करीब 12 दिन तक युद्ध चलने के बाद सीज़फायर लागू हो गया। सीज़फायर के पीछे अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की अहम भूमिका रही। हालांकि ईरान में इस युद्ध की वजह से काफी तबाही मची और जान-माल का भारी नुकसान हुआ। सिर्फ इज़रायल ने ही नहीं, बल्कि अमेरिका ने भी ईरान पर बमबारी की। ऐसे में इज़रायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) और ट्रंप के खिलाफ ईरान के लोगों के काफी गुस्सा भी है।
ईरान में तबाही मचाने के लिए वहाँ के शीर्ष शिया मौलवी और धर्मगुरु अयातुल्ला नासिर मकारिम शिराजी (Naser Makarem Shirazi) ने ट्रंप और नेतन्याहू के खिलाफ फतवा (Fatwa) जारी कर दिया है। इतना ही नहीं, शिराजी ने ट्रंप और नेतन्याहू को इस्लाम और अल्लाह का दुश्मन भी बताया है।
इस फतवे में शिराजी ने ट्रंप और नेतन्याहू को मोहरेब बताया है। मोहरेब वह व्यक्ति होता है जो इस्लाम और अल्लाह का दुश्मन होता है और उनके खिलाफ जंग लड़ता है। शिराजी ने फतवे के ज़रिए दुनियाभर के मुस्लिमों से एकजुट होने और ट्रंप और नेतन्याहू की हत्या करने का आह्वान किया है।
फतवे में शिराजी ने दुनियाभर के मुस्लिमों से यह अपील की है कि ट्रंप और नेतन्याहू को उनकी हरकतों के लिए पछताने पर मजबूर करना चाहिए। इतना ही नहीं, शिराजी ने यह भी कहा है कि अगर कोई मुस्लिम या इस्लामिक देश, ट्रंप और नेतन्याहू का समर्थन करता है तो इसे हराम और अल्लाह की खिलाफत मानी जाएगी।