60 सालों में पहली बार सीरिया के किसी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया है। कभी ISIS के आतंकी रहे अहमद अल शरा ने बतौर राष्ट्रपति UNGA को संबोधित किया और सीरिया पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की।
लगभग छह दशकों बाद पहली बार सीरिया के किसी राष्ट्रपति (Syrian president) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया। राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (President Ahmed al-Sharaa) ने बुधवार को कहा कि तानाशाही के खात्मे के बाद सीरिया अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय में लौट रहा है। खास बात यह है कि एक साल से भी कम समय पहले अल-कायदा के लड़ाके शरा पर अमरीका ने 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था।
9 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'सीरिया की कहानी अच्छाई और बुराई के बीच संघर्ष की कहानी है। कई सालों तक हमने अन्याय, वंचना और उत्पीड़न सहा है। फिर हम अपनी गरिमा की रक्षा के लिए आगे आए।' बशर अल असद की सत्ता जाने के बाद शरा देश के अंतरिम राष्ट्रपति बने थे।
उन्होंने उन सभी कदमों का जिक्र किया जो उनकी अंतरिम सरकार ने पिछले कुछ महीनों में उठाए हैं। इन कदमों में नए संस्थानों की स्थापना, चुनाव कराने की योजना और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल था। उन्होंने कहा, हम अब प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटाने का आह्वान करते हैं, ताकि वे सीरियाई लोगों को और जकड़ न सकें।
अपने भाषण के दौरान अहमद अल शरा ने इजरायल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि असद सरकार के पतन के बाद भी इजरायल ने सीरिया के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखी। इजरायल की नीतियां अंतरराष्ट्रीय समुदाय और सीरियाई जनता के समर्थन के विपरीत हैं, जिससे पूरा क्षेत्र खतरे में पड़ सकता है और ऐसे संघर्ष शुरू हो सकते हैं जिनका कोई अंत नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा को लेकर इजरायल और सीरिया के बीच बातचीत जारी है। 1974 के युद्धविराम समझौते और इजरायली सेनाओं की वापसी संभव हो सकती है। अल शहा ने कहा था कि समझौता कुछ ही दिनों में हो सकता है, जबकि इस पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ज्यादा उम्मीदें न जताते हुए संकेत दिया कि जल्द कोई बड़ी प्रगति मुश्किल है।