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श्रीलंका दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, सरकार बनने के बाद ये पहली द्विपक्षीय यात्रा 

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत डॉ जयशंकर की यह यात्रा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, क्योंकि यह उसका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र है।

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श्रीलंका के राज्य मंत्री थारका बालासूरिया ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनने के बाद अब विदेश नीति पर अमल करने का धुआंधार काम शुरू हुआ है। पहले G-7 फिर यूक्रेन समिट और अब विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) देश के पड़ोसी श्रीलंका में पहुंच गए हैं। सरकार बनने के बाद एस जयशंकर की ये पहली द्विपक्षीय यात्रा है। डॉ जयशंकर अपनी इस यात्रा (Shri Lanka) के दौरान श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ साझेदारी के व्यापक मुद्दों पर बातचीत करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा , “नये कार्यकाल में अपने पहले दौरे के लिए कोलंबो पहुंचा। गर्मजोशी से स्वागत के लिए राज्य मंत्री थारका बालासूरिया और पूर्वी प्रांत के राज्यपाल एस थोंडामन का धन्यवाद। नेतृत्व के साथ मेरी बैठकों की प्रतीक्षा है। श्रीलंका हमारी पड़ोसी पहले और सागर नीतियों का केंद्र है।”

इससे पहले डॉ जयशंकर का यहां पहुंचने पर श्री बालासुरिया और श्री थोंडामन ने उनका स्वागत किया। वह राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने से शिष्टाचार भेंट करेंगे। उनकी और साथ गये प्रतिनिधिमंडल की विदेश मंत्री अली साबरी के साथ भी बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद विदेश मंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर काम

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत डॉ जयशंकर की यह यात्रा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, क्योंकि यह उसका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र है। यह यात्रा संपर्क परियोजनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गति प्रदान करेगी।

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