बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की तबीयत अचानक बिगड़ने के चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। उनके सांस लेने में दिक्कतें बढ़ गई हैं और कई अहम अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की अचानक बहुत ज्यादा तबीयत बिगड़ गई है। जिया को गुरुवार रात को हालत गंभीर होने के चलते वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा है। मेडिकल बोर्ड के प्रमुख, हृदय रोग विशेषज्ञ शाहबुद्दीन तालुकदार के एक बयान अनुसार, जिया को सांस लेने में मुश्किलें बढ़ने लगी, उनका ऑक्सीजन स्तर गिर गया और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ गया जिसके चलते उनकी हालत नाजूक बनी हुई है।
तालुकदार ने आगे बताया कि 80 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को पहले 'हाई फ्लो नेज़ल कैनुला और बीआईपीएपी सपोर्ट' दिया जा रहा था। ( ये दोनों फेफड़ों को सहारा देने और सांस लेने में मदद करने के लिए ऑक्सीजन देने के तरीके हैं।) लेकिन इन्हें दिए जाने के बाद भी जिया की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इसलिए डॉक्टरों ने सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें इलेक्टिव वेंटिलेटर सपोर्ट ( आपात स्थिति से पहले ही अपनी डॉक्टरों की मर्जी से किसी को वेंटिलेटर सपोर्ट देना) पर डाल दिया, जिससे की उनके फेफड़ों और अन्य अंगों को आराम मिल सके।
बयान के अनुसार, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की चेयरपर्सन विभिन्न स्वास्थ्य जटिलताओं के चलते 23 नवंबर से ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अपना इलाज करवा रही हैं। इसमें आगे कहा गया कि तीन बार की प्रधानमंत्री जिया के कई अहम अंग अभी भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्हें स्थानीय और विदेशी विशेषज्ञों की एक टीम ने चौबीसों घंटे मेडिकल निगरानी में रखा हुआ है। जिया की किडनी ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया है, जिसके चलते उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस करवाना पड़ रहा है।
इसके साथ ही जिया के दिल के एऑर्टिक वाल्व में भी कुछ समस्या पाई गई है जिसके चलते उन्हें अभी खून चढ़ाने की भी जरूरत पड़ रही है। उनका बुखार भी उतर नहीं रहा है और उनके दिल की जांच से पता चला है कि उनके दिल के वॉल्व में गंभीर इन्फेक्शन (इन्फेक्टिव एंडोकार्डाइटिस) हो गया है। डॉक्टरों ने इसका इलाज शुरू कर दिया है। जिया के पर्सनल डॉक्टर और उनकी पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य एजेडएम जाहिद हुसैन मीडिया को कई बार उनकी सेहत की जानकारी दे चुके हैं। लेकिन यह पहली बार है जब उनका इलाज कर रहे मेडिकल बोर्ड की तरफ से कोई बयान दिया गया है।