Gateway of hell: यहां धरती और आसमान के मिलन के बीच ज्वालामुखी धधकता है। यह नरक का द्वार है और यहां के नजारे देख कर मौत भी कांप उठेगी।
Gateway of hell: पृथ्वी पर ऐसी कई सारी जगहें हैं, जो न जाने कितने रहस्यों को अपने भीतर समेटे हुए हैं। इसी में से एक जगह का नाम है डानाकिल डिप्रेशन। यह उत्तरी अफ्रीका के इथियोपिया नामक देश में स्थित है। यहां पर गर्म पानी के कई सारे सोते और झरने हैं, जो कुछ-कुछ समय अंतराल में ज्वालामुखी की तरह फूटते हैं। इस कारण यहां हमेशा ज्वालामुखी की सघन क्रियाएं होती रहती हैं। झरने फूटने के कारण यहां आग की बारिश भी होती है।
डानाकिल डिप्रेशन से भारी मात्रा में पोटेशियम सॉल्ट और सल्फर निकलता है। इस कारण इसके आसपास की जमीनें लाल, पीली, नारंगी और सफेद रंग की हो गई हैं। गौरतलब है कि डानाकिल डिप्रेशन समुद्र तल से 125 मीटर नीचे स्थित है। इस जगह तीन टेक्टॉनिक प्लेट्स मौजूद हैं। यही प्लेटें इस स्थान को खास बनाती हैं। टेक्टॉनिक मूवमेंट के चलते हर साल यह प्लेटें एक दूसरे से 1 या 2 सेंटीमीटर दूर खिसक रही हैं।
प्लेटें खिसकने से यहां पर दरारें आ रही हैं। इस कारण पृथ्वी के अंदर से गर्म लावा बाहर आता है और ज्वालामुखी क्रियाओं में तेजी नजर आता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि कुछ समय बाद यहां पर गहरा गड्ढा हो जाएगा, जिसे समुद्र का पानी पूरी तरह से भर देगा।
वैज्ञानिकों ने यहां रिसर्च न करते हुए लाखों साल पहले के अवशेष ढूंढ निकाले हैं। डानाकिल डिप्रेशन का औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। कई मर्तबा यहां का तापमान 55 डिग्री तक पहुंच जाता है। वहीं जब ज्वालामुखी क्रियाएं सघन होती हैं। उस दौरान यहां का तापमान 125 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस कारण इस स्थान को गेट वे ऑफ हेल यानि नरक का द्वार भी कहा जाता है।
यहां वातावरण हमेशा गर्म बना रहता है। यह गर्म वातावरण वैज्ञानिकों को यह जानने में मदद कर सकता है कि दूसरे ग्रहों और चंद्रमा पर जीवन का विकास किस तरह से मुमकिन हो सकता है? डानाकिल डिप्रेशन इथियोपिया के अफार ट्राएंगल के उत्तरी भाग में स्थित है।