Research About Egypt's Giza Pyramids: मिस्त्र में गीज़ा के पिरामिडों के बारे में एक रिसर्च ने बड़ा दावा किया है। क्या है यह दावा? आइए जानते हैं।
मिस्त्र (Egypt) में गीज़ा के पिरामिड्स (Giza Pyramids) हमेशा ही चर्चा का विषय रहे हैं। न सिर्फ ये घूमने के लिए अच्छी जगह है, बल्कि शोधकर्ताओं के लिए रिसर्च का भी एक अच्छा विषय है। गीज़ा के पिरामिड एक बार फिर चर्चा में हैं और इसकी वजह है उन पर सामने आई नई रिसर्च। इटली (Italy) और स्कॉटलैंड (Scotland) के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्हें गीज़ा के पिरामिडों से जुड़ी एक बड़ी रिसर्च की है जिससे एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिसर्च को इतना अहम माना जा रहा है कि इसके कारण संभवतः प्राचीन मिस्र के इतिहास को फिर से लिखने की ज़रूरत पड़ सकती है।
रडार तकनीक का उपयोग करते हुए इटली के पीसा विश्वविद्यालय के कोराडो मालंगा और स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय के फिलिपो बियोन्डी के नेतृत्व वाली टीम ने दावा किया है कि गीज़ा पिरामिडों के ठीक नीचे 6,500 फीट से ज़्यादा की गहराई में एक विशाल भूमिगत शहर फैला हो सकता है। शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक अपर्चर रडार नामक एक नई रडार तकनीक का इस्तेमाल किया, जो प्राकृतिक रूप से होने वाली भूकंपीय हलचलों से होने वाले सूक्ष्म कंपन के साथ उपग्रह रडार डेटा को जोड़ती है। यह विधि भौतिक उत्खनन की ज़रूरत के बिना पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित चीजों की 3D फोटोज़ पैदा करती हैं। इन फोटोज़ की रिसर्च से पता चलता है कि यह परिसर पिरामिडों से दस गुना बड़ा है। ऐसे में इसके एक शहर होने की संभावना जताई जा रही है।
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रिसर्च टीम का दावा है कि उन्होंने पिरामिडों के नीचे लगभग आठ ऊर्ध्वाधर बेलनाकार संरचनाएं ढूंढी हैं, जिन्हें शाफ्ट कहा जाता है। रिसर्च के अनुसार ये संरचनाएं 2,100 फीट गहराई तक फैली हैं। वहीं आलोचकों का इस बारे में कहना है कि यह प्रौद्योगिकी आमतौर पर उथली सतह का पता लगाने में उत्कृष्ट है, लेकिन ठोस भूवैज्ञानिक संरचनाओं में कुछ मीटर से आगे इसकी प्रभावशीलता काफी कम हो जाती है।
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