भारत सरकार ने अपने लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए है। इन नंबरों के माध्यम से वे दूतावास से संपर्क कर सकते है।
Nepal Protest: नेपाल में बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। साथ ही सरकार ने लोगों को हालात सही नहीं होने तक नेपाल की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिकों को हालात सही होने तक नेपाल की यात्रा नहीं करें। जो लोग पहले से ही नेपाल में हैं उनसे अपील की गई कि वे घर के अंदर ही रहें, सड़कों पर निकलने से बचें और स्थानीय अधिकारियों तथा काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें।
भारत सरकार ने अपने लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए है। इन नंबरों के माध्यम से वे दूतावास से संपर्क कर सकते है। ये हैं हेल्पलाइन नंबर +977–980 860 2881, +977–981 032 6134 ये दोनों नंबर व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि हम कल से नेपाल में हो रहे हिंसा पर नजर रख रहे हैं। इस हिंसा में कई लोगों की जान गई। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में हम आशा करते हें कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे और शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के माध्यम से किसी भी मुद्दे का समाधान करेंगे। बयान में यह भी कहा गया है कि नेपाल में अधिकारियों ने काठमांडू और कई अन्य शहरों में कर्फ्यू फिर से लगा दिया है।
नेपाल में बिगड़ते हालातों को देखते हुए पीएम केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया। पीएम के इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति ने भी इस्तीफा दे दिया। साथ ही ओली कैबिनेट ने भी इस्तीफा दे दिया। वहीं पीएम ओली शर्मा ने पीएम आवास छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय में घुसने के बाद इस्तीफ़ा देने पर काठमांडू निवासी बाल कुमारी खत्री ने कहा- मुझे यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि प्रधानमंत्री ने आज इस्तीफ़ा दे दिया। मैंने दशकों में ऐसा विरोध प्रदर्शन नहीं देखा। अब तक, उनका विरोध प्रदर्शन इतना हिंसक नहीं रहा। इस विरोध प्रदर्शन में कई बच्चे मारे गए हैं।
प्रदर्शन कर रहे एक युवक ने कहा- "आप सबने देखा होगा कि कल कैसे छात्रों की हत्या हुई। लगभग 21-22 छात्र मारे गए और 500 से ज़्यादा घायल हुए। अगर छात्र इसी तरह मारे जाएँगे, तो देश कैसे चलेगा? ये बहुत क्रूर शासन व्यवस्था हो गई है। हमें ऐसा लोकतंत्र नहीं चाहिए।