India International Diplomacy: भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंच पर मजबूती मिली है।
India International Diplomacy: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान (paksitan) के खिलाफ ऑपरेशन सिन्दूर ( Operation Sindoor) सैन्य अभियान के बाद भारत (India) ने जापान और संयुक्त अरब अमीरात (India Japan UAE) से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन हासिल (Diplomatic Success) किया है, जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इन देशों का दौरा किया। इन देशों के नेताओं ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए( Counter Terrorism) एकजुटता व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद किसी भी रूप में और किसी भी जगह पर मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। इस सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य शामिल थे, जिन्होंने टोक्यो और अबू धाबी में उच्च-स्तरीय बैठकें कीं। इस दौरान, जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी समिति के अध्यक्ष, ताकाशी एंडो से मुलाकात की गई, जहां आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों (India Terrorism Fight) को और बढ़ाने पर चर्चा हुई। यह दौरा भारत के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वैश्विक मंच पर आतंकवाद के मुद्दे को गंभीरता से उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
भारत ने इस वैश्विक सम्मेलन में स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केवल राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक सहयोग मिलने की भी आवश्यकता है। इस पर जापान और यूएई के नेताओं ने भारत के दृष्टिकोण का समर्थन किया, और सभी ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए कड़ी रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया। जनता दल यूनाइटेड के राज्यसभा सांसद संजय झा ने अपने एक्स हैंडल से नौ सदस्यीय इस प्रतिनिधिमंडल के फोटो शेयर किए हैं।
इसके अतिरिक्त, दोनों देशों ने आतंकवाद से निपटने में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए नई पहल करने की प्रतिबद्धता दिखाई। दोनों देशों के नेताओं ने आतंकवादियों के वित्त पोषण पर कड़ी नजर रखने की बात भी की, ताकि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली शक्तियों को नियंत्रित किया जा सके।
जापान और यूएई से मिले इस समर्थन से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति और मजबूत करने का अवसर मिला है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के बाद इन देशों के नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीतियों को एकजुट करने का संकल्प लिया है। इस वैश्विक समर्थन से भारत को अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा में मदद मिलती है।
अहम बात यह है कि इस यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी छवि को एक जिम्मेदार और प्रभावी वैश्विक शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया। जापान और यूएई जैसे देशों से समर्थन मिलना यह दर्शाता है कि भारत के विचार और दृष्टिकोण केवल क्षेत्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, यह संकेत भी देता है कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए जरूरी नहीं कि सभी देशों के बीच पूरी सहमति हो, बल्कि कुछ देशों के बीच यह साझेदारी ही काफी मजबूत बदलाव ला सकती है।
यह कदम भारत के लिए महज कूटनीतिक कदम नहीं, बल्कि उसे आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का अवसर भी प्रदान करता है। खासकर जब पाकिस्तान जैसे देश आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रतिक्रिया में बाधाएं डालते हैं, भारत के लिए यह समय महत्वपूर्ण है कि वह अपनी वैश्विक छवि को मजबूती से प्रस्तुत करें।
बहरहाल यह दौरा और इस दौरान हुई बातचीत भारत के लिए कइ मायनों में अहम है, क्योंकि यह न केवल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन हासिल करने का एक प्रयास है, बल्कि इसने भारत की विदेश नीति का प्रभावी कार्यान्वयन भी दर्शाया है। इस समर्थन को भारत सरकार किस तरह से आगे बढ़ाती है, यह भविष्य में कूटनीतिक दृष्टिकोण से एक बड़ी चर्चा का विषय होगा।