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तूफान मेलिसा बना कहर, जमैका-क्यूबा का मददगार बना भारत; भेजी 20 टन राहत सामग्री

Hurricane Melissa Relief: तूफान मेलिसा से जमैका-क्यूबा में 50 से अधिक मौतें हो गईं और भारी तबाही मची है। भारत ने 20 टन राहत भेजी। मोबाइल अस्पताल, दवाइयां और जनरेटर के साथ भारत ने दोस्ती का फर्ज निभाया है।

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Nov 04, 2025
भारत ने तूफान प्रभावित जमैका-क्यूबा को 20 टन राहत भेजी। (फोटो: ANI.)

Hurricane Melissa Relief: तूफान मेलिसा (Hurricane Melissa) ने कैरिबियन क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है और भारत ने इस संकट में अपने दोस्त देशों का साथ निभाया (India Humanitarian Aid) है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar Mission) ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि तूफान मेलिसा प्रभावितों की मदद के लिए मंगलवार को भारतीय वायुसेना का एक विमान नई दिल्ली से रवाना हुआ। इस विमान में जमैका और क्यूबा के लिए कुल 20 टन मानवीय सहायता सामग्री (Jamaica Cuba Relief) लदी हुई थी। एस जयशंकर ने लिखा कि भारत प्राकृतिक आपदाओं में वैश्विक दक्षिण के सहयोगियों के साथ (Caribbean Storm Support) हमेशा खड़ा रहता है। यह कदम न केवल दोस्ती का प्रतीक है, बल्कि पुनर्वास में भारत की प्रतिबद्धता भी दर्शाता है। राहत सामग्री में कई जरूरी चीजें शामिल हैं, जो प्रभावित लोगों की तत्काल मदद करेंगी। इनमें आरोग्य मैत्री भीष्म क्यूब जैसे मोबाइल अस्पताल, पुनर्वास के लिए सामान, खाने-पीने की चीजें, दैनिक जरूरतों का सामान, दवाइयां, मेडिकल उपकरण, बिजली जनरेटर, आश्रय सामग्री और स्वच्छता किट्स हैं। ये सामान तूफान से बर्बाद इलाकों में स्वास्थ्य, भोजन और बुनियादी सुविधाओं की कमी पूरी करेंगे। भारतीय वायुसेना का यह विमान @IAF_MCC के सहयोग से भेजा गया, जो भारत की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता दिखाता है। जयशंकर ने जोर दिया कि ऐसी आपदाओं में सहायता देना भारत की जिम्मेदारी है।

50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई

हालत यह है कि तूफान मेलिसा ने जमैका, हैती और क्यूबा में भयानक तबाही मचाई है। तेज हवाओं ने घरों को उजाड़ दिया है और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इस तूफान से कैरिबियन में कम से कम 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है, और आंकड़े अभी बढ़ सकते हैं। जमैका में श्रेणी 5 का तूफान बन कर हमला करने से द्वीप का 60% से ज्यादा हिस्सा बिजली के बिना रह गया, और आधी से ज्यादा जल आपूर्ति प्रणालियां ठप हो गईं। सूचना मंत्री डाना मॉरिस डिक्सन ने बताया कि 19 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन पांच और मौतों की पुष्टि होना बाकी है। क्यूबा में शुक्रवार तक कोई मौत नहीं हुई, लेकिन पूर्वी हिस्से में 7,35,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। काउटो नदी उफान पर आने से भयानक बाढ़ आ गई, और बचाव दल कमर तक पानी में नावों व सैन्य वाहनों से राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।

हैती में भी नदियां फटने से 20 से ज्यादा मौतें हुईं

कुछ इलाकों में 380 मिमी (15 इंच) तक बारिश दर्ज की गई, जो बाढ़ को और भयावह बना रही है। हैती में भी नदियां फटने से 20 से ज्यादा मौतें हुईं, खासकर पेटी-गोएव में, जहां 160 घर क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई इलाके अभी भी अलग-थलग हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन ने तूफान मेलिसा को चार गुना ज्यादा खतरनाक बना दिया है। आलम यह है कि​ इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक अध्ययन के मुताबिक, मानव-जनित ग्लोबल वार्मिंग ने इस क्षेत्र के सबसे शक्तिशाली तूफानों को बढ़ावा दिया है।

जलवायु संकट से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी

तूफान की भयावहता इतनी जबरदस्त है कि 185 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलीं, जो रिकॉर्ड में दूसरे सबसे तेज तूफान के बराबर है। यह घटना दुनिया को याद दिलाती है कि जलवायु संकट से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी है। भारत की राहत मदद इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है। भारत की यह पहल वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच एकजुटता मजबूत करती है। तूफान मेलिसा अब बरमूडा की ओर बढ़ रहा है, लेकिन प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी सहायता का ऐलान किया है, लेकिन भारत की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। उम्मीद है कि यह मदद जल्द ही लोगों की जिंदगी पटरी पर लाएगी। (ANI)

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