Indian Americans in the USA: अमेरिका में आव्रजन पर बहस के बीच डोनाल्ड ट्रंप के कई समर्थक और आव्रजन कट्टरपंथी एच-1बी वीजा कार्यक्रम खत्म करने पर जोर दे रहे हैं।
Indian Americans in the USA: भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी (Indian-American Congressman) श्रीथानेदार ने हाल ही में एक द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया है जिसमें उन्होंने "हिन्दू फोबिया" (हिन्दू धर्म के प्रति पूर्वाग्रह) रखने की घोर निंदा की है। यह प्रस्ताव एच-1बी वीजा प्रणाली (H-1 B visa) पर चल रहे विवादों के बीच आया है, जो विशेष रूप से भारतीय-अमेरिकी समुदाय को प्रभावित करता है। एच-1बी वीजा प्रणाली अत्यधिक कुशल विदेशी श्रमिकों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देती है और इस विषय पर कुछ समय से राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। श्रीथानेदार ( Shri Thanedar) ने नस्लवाद के खिलाफ भी चिंता व्यक्त की और कहा कि अमेरिका में नस्लवाद (Racism) अभी भी जीवित है और लोगों को मिल कर इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने एक्स पर लिखा, "भारतीय अमेरिकियों को निशाना बनाने वाली निंदनीय बयानबाजी देखने के लिए बस किसी भी हालिया पोस्ट के उत्तर पढ़ें जिसमें "एच -1 बी" शामिल है। यही कारण है कि मैंने सभी हिन्दू फोबिया (Hindu phobia) की निंदा करते हुए एक द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया है।"
श्रीथानेदार भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अधिकारों और उनके प्रति नस्लीय भेदभाव के खिलाफ मुखर रहे हैं। हाल के दिनों में, एच-1बी वीजा पर चल रही बहस और इसके खिलाफ उठ रही नकारात्मक बयानबाजी ने उन्हें एक कदम आगे बढ़कर हिन्दू फोबिया की निंदा करने वाला प्रस्ताव पेश करने के लिए प्रेरित किया। वहीं अमेरिका में भारतीय अमेरिकियों और अन्य आप्रवासियों के खिलाफ बढ़ती नफरत और भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सभी समुदायों को समान अधिकार मिले। उनकी राजनीति और कामकाजी शैली ने उन्हें भारतीय-अमेरिकी समुदाय में एक प्रभावशाली नेता बना दिया है।
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी श्रीथानेदार (Sri Thanedar) एक प्रमुख अमेरिकी राजनीतिज्ञ और व्यवसायी हैं। वह मिचिगन राज्य के 13वें Congressional District से प्रतिनिधि के रूप में चुने गए हैं। उनका जन्म 1958 में भारत के एक छोटे से शहर में हुआ था, और बाद में वह अमेरिका में बस गए। थानेदार भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य हैं और भारतीय मूल के पहले कांग्रेसी हैं जिन्होंने मिशीगन से चुनाव जीता है।
श्रीथानेदार ने भारतीय विश्वविद्यालयों से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, और बाद में अमेरिका में शिक्षा जारी रखी। उन्होंने भारत में अपनी मास्टर डिग्री के बाद अमेरिका में डॉ. डिग्री प्राप्त की। श्रीथानेदार ने भारत में अपने शुरुआती वर्षों में विज्ञान और इंजीनियरिंग में काम किया, और फिर उन्होंने अमेरिका में एक सफल व्यवसायी के रूप में पहचान बनाई। उन्होंने कई कंपनियां स्थापित कीं और सफलता प्राप्त की।
श्रीथानेदार ने सन 2018 में मिशीगन के कांग्रेस चुनाव में भाग लिया और जीत हासिल की। उन्होंने मिशीगन की राज्य विधानसभा में भी अपनी भूमिका निभाई और वहां कई सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर काम किया। उनकी राजनीति में प्रमुख मुद्दे आव्रजन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और भारतीय-अमेरिकी समुदाय की भलाई से जुड़े रहे हैं।
अमेरिका में भारतीयों की तादाद पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ी है। 2020 की जनगणना के अनुसार, भारतीय अमेरिकी समुदाय की संख्या लगभग 4.4 मिलियन थी, जो अमेरिका की कुल जनसंख्या का लगभग 1.4% है। यह संख्या भारतीय प्रवासियों और उनके अमेरिकी नागरिक बच्चों को मिलाकर है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ते आप्रवासी समूहों में से एक है, और यह विविध पेशों में सक्रिय है, जैसे कि आईटी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, व्यापार और इंजीनियरिंग। भारतीय अमेरिकी समुदाय की एक महत्वपूर्ण आबादी न्यू जर्सी, कैलिफोर्निया, टेक्सास, न्यूयॉर्क और इलिनॉयस राज्यों में बसी हुई है।