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Exclusive Interview : NRI हमें देंगे 300 बेड का अस्पताल, इस मंत्री ने कहा-मंज़ूर करेंगे प्रस्ताव

NRI doctors: प्रवासी राजस्थानी चिकित्सक जयपुर में 300 बेड का एक वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाएंगे, जिसकी लागत 200 करोड़ रुपये होगी। इस अस्पताल में मल्टीस्पेशलिटी सेवाएं और बीपीएल मरीजों के लिए विशेष बेड रिजर्व किए जाएंगे।

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NRI Dr. Jaivirsingh Rathore

Dr. Jaivirsingh Rathore

NRI doctors: एम आई ज़ाहिर/ फ्लोरिडा में रह रहे अमेरिका के प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट और प्रवासी राजस्थानी चिकित्सकों की संस्था डॉरी फाउंडेशन और राणा (Rajput Association of North America) के फ्लोरिडा के अध्यक्ष डॉ. जयवीरसिंह राठौड़ (Dr. Jaivirsingh Rathore)ने पत्रिका से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि प्रवासी राजस्थानी चिकित्सक राजस्थान को एक वर्ल्ड क्लास अस्पताल (world-class hospital) की सौगात देंगे।उन्होंने बताया कि जब उन्होंने राजस्थान सरकार से सस्ती ज़मीन और सुविधाएं मांगीं, तो राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह ( Rajyavardhan Singh ) ने प्रवासी राजस्थानी चिकित्सकों की ओर से जयपुर में एक वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर सहमति दी है।

इस परियोजना का अनुमानित खर्च 200 करोड़ रुपये

डॉ. जयवीरसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रवासी भारतीय चिकित्सकों (NRI doctors) का यह अस्पताल 300 बेड पर आधारित होगा और इस परियोजना का अनुमानित खर्च 200 करोड़ रुपये होगा। अस्पताल में मल्टीस्पेशलिटी और अत्याधुनिक आर्ट फैसिलिटी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 15-20 प्रतिशत बीपीएल (Below Poverty Line) मरीजों का इलाज किया जाएगा, और उनके लिए विशेष रूप से बेड रिजर्व किए जाएंगे। यह अस्पताल राज्य सरकार के साथ संयुक्त साझेदारी (कंबाइंड पार्टनरशिप) में विकसित होगा। अस्पताल का निर्माण 3 से 5 एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा और निर्माण कार्य 2 से 3 साल में पूरा होने की संभावना है। इस अस्पताल के डॉ. प्रणव शर्मा, एमडी (यूएसए) मुख्य चिकित्सा अधिकारी होंगे और वे ही इस प्रोजेक्ट को लीड करेंगे, जो जयपुर के प्रवासी भारतीय चिकित्सक हैं।

अस्पताल का नाम डॉरी एडवांस्ड हास्पिटल

डॉ. जयवीरसिंह राठौड़ ने बताया कि यह अस्पताल डॉरी एडवांस्ड हास्पिटल के नाम से स्थापित किया जाएगा, जो राजस्थान के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसमें इंटरनेशनल लेवल की सुविधाएं और विश्वस्तरीय उपचार प्रदान किया जाएगा। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर्स का समूह, जो यूके, अमेरिका और अन्य देशों से आएगा, मरीजों को उपचार देगा।

भारत सरकार से अपेक्षाएं

उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत सरकार देश में स्वास्थ्य सेवाओं में जीडीपी का कम से कम 5% अनुदान कर स्वस्थ और मेडिकल शिक्षा में सुधार करेगी। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राजस्थान में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ प्रवासी भारतीयों की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका भी उजागर होगी।

क्या है डॉरी फाउंडेशन

उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीय चिकित्सक विदेशों में रहकर भारत के लिए काम कर रहे हैं और चिकित्सा सेवाएं देने में अग्रणी हैं। इन चिकित्सकों का एक समूह डॉरी फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है, जिसे डॉक्टर्स ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल (डॉरी) कहा जाता है। यह फाउंडेशन कोविड-19 के दौरान स्थापित किया गया था, जब राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी 2000 की राजस्थान फाउंडेशन पहल को पुनर्जीवित किया था, जिसके परिणामस्वरूप प्रवासी राजस्थानी चिकित्सकों का एक समूह बना।

डॉरी फाउंडेशन की प्रमुख पहल

डॉ. जयवीरसिंह राठौड़ ने बताया कि डॉरी संस्था लगभग 175 चिकित्सकों के साथ मिलकर राजस्थान में स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। इसके अतिरिक्त, डॉरी की प्रमुख पहलों में DoRI DOST (डॉक्टर्स ओवरसीज ट्रेनिंग) कार्यक्रम और "कॉल DoRI" ऐप के माध्यम से मुफ्त परामर्श देने जैसी योजनाएं शामिल हैं।

डीओआरआई ऑन व्हील्स

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, डॉरी संस्था राजस्थान में नवीनतम चिकित्सा आविष्कार लाने पर काम कर रही है और भविष्य में "डीओआरआई ऑन व्हील्स", डीओआरआई क्लिनिक और डीओआरआई संबल जैसी योजनाओं को लागू करने का प्रयास करेगी, जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ मिलेगा।

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