Sexual assault: विज्ञापनों के नाम पर महिलाओं को किसी भी देश में ठगा जा सकता है। उन्हें सावधान रह कर ही खुद को बचाना होगा।
Indian leader sentenced: ऑस्ट्रेलिया (Australia) की एक अदालत ने भारतीय समुदाय के एक नेता (Indian community leader) को पांच कोरियाई महिलाओं के दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर 40 साल की जेल की सजा सुनाई है। ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार, बलेश धनखड़ (Balesh Dhankhar) (43) को 7 मार्च को डाउनिंग सेंटर जिला अदालत में सजा सुनाई गई, जिसमें उन्हें 30 साल तक पैरोल नहीं मिलेगी। जानकारी के अनुसार बलेश धनखड़ (43) ने नकली नौकरी के विज्ञापनों का इस्तेमाल करके महिलाओं को अपने जाल में फंसाया। ये महिलाएं 21 से 27 वर्ष की उम्र की दक्षिण कोरियाई नागरिक (South Korean women) थीं। उन्होंने महिलाओं को अपने सिडनी वाले घर या उसके आसपास बुलाया। यहां उन्हें नशीला पदार्थ खिला कर बेहोश कर दिया और फिर उनके साथ दुष्कर्म किया। वर्ष 2023 में जूरी ट्रायल के बाद उसे 13 बार दुष्कर्म समेत 39 अपराधों का दोषी पाया गया।
ऑस्ट्रेलिया में बलात्कार और यौन शोषण के मामलों पर गंभीर चिंताजनक हैं, और इन अपराधों को रोकने के लिए लगातार कानून और समाज में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में बलात्कार के मामलों में वृद्धि देखी गई है। ऑस्ट्रेलियाई अपराध रिपोर्ट के अनुसार, 2021-2022 में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में 13% तक वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि पिछले वर्षों के मुकाबले एक महत्वपूर्ण संकेत है कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ इस तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष औसतन 20,000 से अधिक बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट की जाती है। हालांकि, कई मामलों में पीड़ित डर, शर्म या अन्य कारणों से पुलिस को रिपोर्ट नहीं करते, जिससे वास्तविक संख्या और अधिक हो सकती है।
ऑस्ट्रेलिया में बलात्कार और यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराधों के खिलाफ कड़े कानून मौजूद हैं। इन अपराधों के दोषियों को गंभीर सजा दी जाती है, जिसमें लंबी जेल की सजा, जमानत पर रोक, और पेरोल की पाबंदी शामिल हैं। हालांकि, कई बार न्यायिक प्रक्रिया में लंबा समय लगता है, जिससे पीड़ितों को न्याय पाने में कठिनाई होती है।
हालिया वर्षों में बलात्कार और यौन हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, विशेषकर उन महिलाओं के खिलाफ जो विदेशों से ऑस्ट्रेलिया में काम या अध्ययन के लिए आई थीं। इन मामलों में अक्सर पीड़ित महिलाओं को धोखा देकर और उनके विश्वास का उल्लंघन करके बलात्कार किया जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कई पहल की हैं। इनमें महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने, अपराधियों को सजा देने, और पीड़ितों के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए कई कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, पुलिस बल और न्यायिक संस्थाएं बलात्कार के मामलों को गंभीरता से लेकर शीघ्र कार्रवाई करने का प्रयास कर रही हैं।
ऑस्ट्रेलिया में बलात्कार और यौन उत्पीड़न को लेकर सामाजिक जागरूकता बढ़ी है। #MeToo आंदोलन के प्रभाव के कारण कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए हैं, जिससे इन अपराधों के बारे में खुलकर बात करने की पहल हुई है। इसके अलावा, इस पर शिक्षा और जागरूकता अभियानों को भी बढ़ावा दिया गया है, जिससे युवाओं और समाज को इस अपराध के बारे में अधिक जानकारी मिल रही है।
ऑस्ट्रेलिया में बलात्कार के दोषियों को कठोर सजा दी जाती है। कई मामलों में दोषी को लंबी जेल की सजा मिलती है, जो कभी-कभी 20 साल से अधिक भी हो सकती है। कुछ मामलों में पीड़ितों के साथ दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को पुनर्वास और मानसिक इलाज भी दिया जाता है।