Indian worker Saudi Arabia: प्रयागराज के एक व्यक्ति का सऊदी अरब में फंसे होने का वायरल वीडियो सामने आया है, जिसमें वह मदद की गुहार कर रहा है।
Indian worker Saudi Arabia: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का एक व्यक्ति सऊदी अरब में फंसे होने का दावा ( Indian worker Saudi Arabia) कर रहा है। भोजपुरी में बोलते हुए उसने कहा कि उसका पासपोर्ट एक शख्स 'कपिल' ने रख लिया है, जो उसे घर लौटने नहीं दे रहा और जान से मारने की धमकी दे रहा है। ऊंट के साथ रेगिस्तानी पृष्ठभूमि में उसकी मार्मिक अपील, "मुझे मेरी मां के पास जाना है, वीडियो को पीएम तक पहुंचाओ," दस वीडियो (viral video) ने हजारों लोगों का ध्यान खींचा। दिल्ली की वकील कल्पना श्रीवास्तव ने इसे शेयर कर विदेश मंत्री एस जयशंकर (Saudi Arabia Indian embassy) से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की। 24 घंटे में 1.4 लाख से ज्यादा बार देखे गए इस वीडियो ( Viral video Indian trapped) ने भारत और सऊदी अरब (Indian Embassy in Saudi Arabia) में खलबली मचा दी, लेकिन सऊदी पुलिस ने इसे महज व्यूज बढ़ाने का हथकंडा बताया। क्या यह सचमुच मदद की पुकार है या सोशल मीडिया का नाटक ? यह सवाल अभी अबूझ पहेली बना हुआ है।
सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश शुरू की। लेकिन वीडियो में न तो उसका ठिकाना बताया गया, न नियोक्ता का नाम और न ही संपर्क नंबर। दूतावास ने श्रीवास्तव से और जानकारी मांगी, साथ ही प्रयागराज पुलिस और जिला प्रशासन से उसके परिवार का पता लगाने के लिए कहा। दूतावास ने परिवार से सीधे संपर्क करने और अपनी ईमेल ID पर डिटेल्स भेजने की अपील की है।
यह मामला भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा और विदेशों में उनके अधिकारों पर सवाल उठाता है। सऊदी में 26 लाख से ज्यादा भारतीय काम करते हैं, और ऐसे कई मामले सामने आते हैं जहां पासपोर्ट जब्त करने या शोषण करने की शिकायतें मिलती हैं। दूतावास की त्वरित कार्रवाई उम्मीद जगाती है, लेकिन जानकारी की कमी चुनौती बनी हुई है।
यह वीडियो न केवल एक व्यक्ति की व्यथा दर्शाता है, बल्कि प्रवासी भारतीयों की मुश्किलों को भी उजागर करता है। भारत सरकार ने हाल के वर्षों में प्रवासियों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे 'मदद' पोर्टल और दूतावास हैल्पलाइन। लेकिन इस मामले में सऊदी अधिकारियों का दावा है कि यह 'व्यूज के लिए स्टंट' है, जांच को जटिल बनाता है। अगर यह सच है, तो सोशल मीडिया पर गलत सूचना का खतरा बढ़ता है।
अगर यह सचमुच मदद की पुकार है, तो भारत को कूटनीतिक स्तर पर सऊदी सरकार से बात करनी होगी। विदेश मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता से जल्द परिणाम की उम्मीद है। यह घटना सोशल मीडिया की ताकत को भी दिखाती है, जो एक आम आदमी की आवाज को सरकार तक पहुंचा सकती है।