Iran currency crisis: ईरान में मुद्रा में तेज गिरावट से महंगाई और बढ़ गई है, जिससे खाद्य पदार्थों और रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें आसमान छू रही हैं और आम लोगों का बजट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
Iran Protests 2025: ईरान में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए हैं। दरअसल, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थानीय मुद्रा रियाल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हालात इतने खराब हो गए कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। बताया जा रहा है कि 2022 के बाद ये प्रदर्शन सबसे बड़े हैं। बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच सेंट्रल बैंक के प्रमुख मोहम्मद रजा फरजिन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इस बीच राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने अपने मंत्रियों से प्रदर्शनकारियों की मांगों को सुनने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि मैंने गृह मंत्री से कहा है कि प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से संवाद कर उनकी वैध मांगों को सुना जाए, ताकि सरकार समस्याओं के समाधान के लिए जिम्मेदारी के साथ हर संभव कदम उठा सके।
बता दें कि ईरान में विरोध प्रदर्शन रियाल के डॉलर के मुकाबले गिरकर 1.42 मिलियन तक पहुंचने के बाद हो रहे हैं। सोमवार को यह डॉलर के मुकाबले 1.38 मिलियन पर थी। मुद्रा में तेज गिरावट से महंगाई और बढ़ गई है, जिससे खाद्य पदार्थों और रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें आसमान छू रही हैं और आम लोगों का बजट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
हालांकि ईरान में अभी और स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि पिछले दिनों पेट्रोल की कीमतों में बदलाव किया गया है। इसके अलावा, सरकारी मीडिया में आई उन खबरों ने चिंता बढ़ा दी है, जिनमें कहा गया है कि सरकार 21 मार्च से शुरू होने वाले ईरानी नववर्ष में कर बढ़ाने की योजना बना रही है।
ये प्रदर्शन 2022 के बाद सबसे बड़े माने जा रहे हैं। उस समय महसा जीना अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे देश में आंदोलन भड़क उठा था। महसा को कथित तौर पर हिजाब सही तरीके से न पहनने के आरोप में मोरैलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।