India-Israel-US Relations: इजराइल ने भारत के रूस से तेल खरीदने और अमेरिकी टैरिफ विवाद में भारत के रुख का समर्थन किया है।
India-Israel-US Relations: इजराइल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच ने भारत के उस फैसले का खुल कर समर्थन किया है जिसमें वह रूस से तेल खरीद (Russian Oil Purchase India) रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इजराइल को भारत (India-Israel-US Relations) के इस निर्णय से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है, और इसके चलते रूस पर वैश्विक प्रतिबंध लगे हुए हैं, लेकिन भारत जैसे बड़े लोकतंत्र को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार है। बेजेल स्मोट्रिच ने अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर भी भारत का साथ (Israel Economic Support India) दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका आपसी समझ के जरिए इस विवाद का समाधान निकाल लेंगे। बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में भारत के कुछ उत्पादों पर 50% तक टैरिफ (US India Tariff Dispute) लगाया है, जिसके जवाब में भारत ने भी कुछ कड़े फैसले लिए हैं। इजराइल का मानना है कि यह मतभेद अस्थायी है और इनका समाधान संभव है।
स्मोट्रिच ने कहा कि भारत, अमेरिका और इजराइल के बीच पुराने और गहरे द्विपक्षीय रिश्ते हैं। उनके अनुसार, तीनों देशों के संबंधों में मतभेद आना स्वाभाविक है, लेकिन इन मतभेदों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री नेतन्याहू और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के बीच आपसी सराहना का माहौल रहा है, जो संबंधों को मजबूत बनाता है।
इजराइल के वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत, इजराइल और अमेरिका के बीच केवल रणनीतिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक हित भी एक जैसे हैं। उन्होंने कहा, "हमारे साझा मूल्य हैं, साझा दोस्त हैं, और कभी-कभी साझा विरोधी भी होते हैं। हम तीनों देश आर्थिक क्षेत्र में भी एक जैसे हितों से बंधे हुए हैं। पर्दे के पीछे कई सकारात्मक प्रयास चल रहे हैं।"
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है। भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देगा।
बहरहाल इजराइल का यह बयान साफ करता है कि भारत के अंतरराष्ट्रीय फैसलों को लेकर उसे पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। जहां एक ओर अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद चल रहा है, वहीं इजराइल का यह सकारात्मक रुख भारत के लिए कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि भारत-अमेरिका और इजराइल के रिश्ते किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।