Live in Relationship: भारत समेत कई देशों में लिव इन आज भी अवैध है और इसके लिए कई कड़े कानून बनाए गए हैं। जिसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।
Live in Relationship: आज कल शादी से पहले दो लोगों का एक साथ रहना एक आम बात हो चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 10 में से एक जोड़ा लिव इन में रह रहा है। इतनी बड़ी संख्या में लिव इन रिश्ते होने के बावजूद भारत में इसे मान्यता नहीं मिली है। इसलिए आज भी भारत में लिव इन रिलेशनशिप गैर कानूनी है। (Live in Relationship in India) लिव इन में दोनों के बीच एक भावनात्मक और शारीरिक संबंध होता हैं। लेकिन कानूनी रूप से शादी नहीं होती हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में दोनों लोगों को निजी जीवन में स्वतंत्रता मिलती हैं। उन्हें अपने फैसले खुद लेने का अधिकार होता हैं और विवाह से पहले दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझ सकते हैं और देख सकते हैं कि वह एक दूसरे के साथ खुश रह सकते है या नहीं। लिव-इन रिलेशनशिप में दोनों पर शादी की कानूनी जिम्मेदारियां नहीं होती जिसे ख़त्म करना आसान होता हैं। लेकिन भारत समेत कई देशों में लिव इन आज भी अवैध है और इसके लिए कई कड़े कानून बनाए गए हैं। तो वहीं दुनिया में कई देश ऐसे भी हैं जहां पर लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता मिली हुई है।
अमेरिका- अमेरिका में लिव-इन रिलेशनशिप काफी आम हैं। यहां के राज्यों में लिव-इन रिलेशनशिप की कानूनी मान्यता मिली हुई है। यहां पर इस रिश्ते को कोहेबिटेशन (Co-Habitation) भी कहा जाता हैं। यहां दो प्रेमी जोड़े बिना शादी के एक साथ रह सकते हैं और इस पर कोई क़ानूनी पाबंदी नहीं हैं। यहां के कल्चर में इसे सामान्य और स्वीकार्य माना जाता हैं।
कनाडा- कनाडा में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी रूप से मान्यता मिली है। लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इसके अलग नियम हैं। इसलिए अगर कोई भी कनाडा में लिव इन में रह रहा है तो उसे भी वहां के नियमों के बारे में अच्छे से जानकारी ले लेनी चाहिए। कनाडा में लिव-इन रिलेशनशिप को कॉमन -लॉ भी कहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया- ऑस्ट्रेलिया में लिव-इन रिलेशनशिप को समाज में हर रूप से स्वीकार किया जाता हैं। यहां परिवार के लोग भी अपने घर के सदस्यों के इस फैसले का सम्मान करते हैं और उसे मान्यता देते हैं। भारत की तरह यहां पर इस रिश्ते का सामाजिक बंधन नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में लिव-इन रिलेशनशिप को डिफेक्टो रिलेशनशिप भी कहते हैं।
फ़्रांस - फ़्रांस में लिव-इन रिलेशनशिप को सिविल यूनियन और पेक्स दी फेक्टो भी कहते हैं। पेक्स दी फेक्टो को कुछ नियमों के चलते क़ानूनी मान्यता मिली होती है। वहीं इसमें कई तरह के अधिकार भी मिले हुए हैं जो कि संवैधानिक है।
भारत- भारत में लिव इन रिलेशनशिप को अब तक मान्यता नहीं मिलाी है। ये मु्ददा भी भारत का एक हॉट टॉपिक है। भारतीय समाज में लिव-इन रिलेशनशिप को परिवार और समाज भी स्वीकार नहीं करता। लेकिन कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने इसे मान्यता दी हैं। अदालत ने कहा हैं की अगर दो व्यक्ति एक साथ रहना चाहते है तो ये गैर कानूनी नहीं हैं। लेकिन भारतीय नागरिकों का मानना हैं की शादी की तरह लिव-इन रिलेशनशिप में कानूनी सुरक्षा नहीं होती। अगर कोई विवाद हो तो कानून का सहारा लेना मुश्किल हो सकता है। भारत में भारतीय लोगों को लिव-इन रेलशनशिप को मुख्य रूप से स्वीकार ने में थोड़ा समय लग सकता हैं। हालांकि बड़े शहरों में ये युवाओं के बीच काफी आम बात है और अगर कोई लिव इन में रहता हुआ पकड़ा जाता है तो इसके लिए कोई सजा का प्रावधान नहीं है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में इसे गैर आपराधिक मामला बताया है।
पाकिस्तान- पाकिस्तान में लिव इन रिलेशेनशिप की मान्यता नहीं हैं। पाकिस्तान में इस्लामी कानून के नियम हैं जो शादी और शादीशुदा जोड़ों के नियम और कर्तव्य को प्रमुख मानती हैं। इन्हीं वजहों के चलते यहां पर लिव-इन रिलेशनशिप को क़ानूनी और सामाजिक दृष्टि से मान्यता नहीं दी जाती हैं।
सऊदी अरब- सऊदी अरब एक इस्लामी देश है जहां नियमों (शरिया) इस्लामी कानून का सही ढंग से पालन किया जाता है। यहां भी लिव इन को गैर कानूनी माना जाता है। अरब के कानून में लिव इन के लिए सजा का प्रावधान भी है। जिसमें फांसी तक की सजा भी दी जा सकती है।
ईरान- मुस्लिम देश ईरान में भी लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता नहीं मिली है। इसे वहां के सामाज में गलत माना जाता है। ईरानी समाज में परम्पराएं और सांस्कृतिक मान्यताएं बहुत मानी जाती हैं। यहां शादी को काफी महत्व दिया जाता है साथ ही समाज के बाहर की हुई शादी भी स्वीकार नहीं की जाती है।