भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरान जाने वाले नागरिकों के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है। जानिए, आखिरकार भारतीय सरकार को अपने नागरिकों को क्यों करना पड़ा आगाह?
ईरान (Iran) की यात्रा को लेकर भारत सरकार (Indian Government) ने भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी नौकरी के झांसे में भारतीयों को ईरान बुलाकर आपराधिक गिरोहों के अपहरण करने की घटना के संबंध में जारी की गई है। अपहरण के बाद आपराधिक गिरोहों की ओर से फिरौती मांगी गई थी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं। जिनमें भारतीय नागरिकों को रोजगार के झूठे वादे करके या यह आश्वासन देकर ईरान की यात्रा करने के लिए फुसलाया गया कि उन्हें रोजगार के लिए तीसरे देशों में भेजा जाएगा। ईरान पहुंचने पर इन भारतीय नागरिकों का आपराधिक गिरोहों द्वारा अपहरण कर लिया गया और उनकी रिहाई के लिए उनके परिवारों से फिरौती की मांग की गई।
MEA ने कहा कि सभी भारतीय नागरिक ऐसे रोजगार के वादों व प्रस्तावों के प्रति सतर्कता बरतें। MEA ने कहा कि ईरान की सरकार, भारतीय नागरिकों को सिर्फ पर्यटन उद्देश्यों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देती है। मंत्रालय ने कहा कि रोजगार या अन्य उद्देश्यों के लिए ईरान में वीजा-मुक्त प्रवेश का वादा करने वाले किसी भी एजेंट की आपराधिक गिरोहों से मिलीभगत हो सकती है, इसलिए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे प्रस्तावों का शिकार न हों।
वहीं, अमेरिका ने ईरान के चाबहार पोर्ट को दी जाने वाली प्रतिबंध छूट को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। चाबहार पोर्ट, ईरान का एक रणनीतिक बंदरगाह है, जो ओमान की खाड़ी में स्थित है। इससे भारत को भी नुकसान होगा। भारत के लिए अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया तक पहुंचने के लिए चाबहार पोर्ट एक ऐसा रास्ता है जिसमें पाकिस्तान को बायपास किया जा सकता है। अमेरिका के इस फैसले से भारत की कई कंपनियों को नुकसान हो सकता है।