Morocco Gen-Z Protests: मोरक्को में जेन Z प्रोटेस्ट में पुलिस गोलीबारी से तीन मौतें, अस्पताल हादसे से भड़का आंदोलन अब सरकार हटाने की मांग पर केंद्रित हो गया है।
Morocco Gen-Z Protests: मोरक्को के युवा जेन-Z के नेतृत्व में चल रहा विरोध प्रदर्शन (Morocco Protests) अब हिंसक रूप ले चुका (Gen Z Uprising)है। अगादीर के पास लुकलिया शहर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बुधवार को भारी झड़प हुई, जिसमें सुरक्षाबलों (Police Firing Morocco) ने कथित तौर पर गोली चलाई। इससे तीन लोगों की जान चली गई। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी पुलिस हथियार लूटने की कोशिश कर रहे थे, जिसके जवाब में यह कार्रवाई हुई। यह घटना पिछले महीने अगादीर के एक सरकारी अस्पताल में आठ गर्भवती महिलाओं की मौत से शुरू हुए आंदोलन का हिस्सा है। युवा अब स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रदर्शनकारी जो खुद को जेन Z 212 कहते हैं, मुख्य रूप से सोशल मीडिया और डिस्कॉर्ड जैसे प्लेटफॉर्म पर संगठित हो रहे हैं। उनका निशाना सरकार का वह फैसला है, जिसमें 2030 फीफा विश्व कप के लिए स्टेडियम बनाने पर अरबों डॉलर खर्च हो रहे हैं, लेकिन स्कूल और अस्पतालों की हालत जर्जर है। सड़कों पर नारे गूंज रहे हैं- "सबसे पहले स्वास्थ्य, विश्व कप नहीं चाहिए।" वे प्रधानमंत्री अजीज अखनौच के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और संविधान के तहत राजा मोहम्मद षष्ठम से सरकार भंग करने की अपील कर रहे हैं। राजधानी रबात, कैसाब्लांका और मारकेश जैसे शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
सरकार की ओर से प्रधानमंत्री अखनौच ने पहली बार सार्वजनिक बयान जारी किया। उन्होंने मौतों को "दुखद" बताया और युवाओं से "संवाद" की बात कही। स्वास्थ्य मंत्री अमीन तहरावी ने माना कि सुधार हो रहे हैं, लेकिन अभी काफी कम हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि कानून के दायरे में विरोध की इजाजत है, लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं। अब तक 400 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, 260 पुलिसकर्मी और 20 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। कई वाहनों को आग लगा दी गई।
यह आंदोलन सिर्फ मोरक्को तक सीमित नहीं। वैश्विक स्तर पर जेन Z की नाराजगी बढ़ रही है। मेडागास्कर में पानी-बिजली की कमी से भड़के प्रदर्शनों में 22 मौतें हुईं, जिसके बाद राष्ट्रपति ने सरकार भंग कर दी। नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से प्रधानमंत्री को कुर्सी छोड़नी पड़ी, 72 मौतों के साथ। पेरू में आर्थिक असुरक्षा पर युवा सड़कों पर हैं, जबकि फिलीपींस में बाढ़ राहत घोटाले पर 200 गिरफ्तारियां हुईं। ये सभी घटनाएं दिखाती हैं कि युवा भ्रष्टाचार और असमानता से तंग आ चुके हैं। मोरक्को में बेरोजगारी दर 35% से ऊपर है, जो युवाओं के गुस्से को हवा दे रही है।
जेन Z 212 ने हिंसा से दूरी बनाई है और शांतिपूर्ण बदलाव की बात की है। लेकिन मौतों के बाद माहौल तनावपूर्ण है। क्या राजा हस्तक्षेप करेंगे? सरकार का अगला कदम क्या होगा? यह सवाल अब पूरे देश में गूंज रहे हैं।
मोरक्को के इस आंदोलन से साफ है कि युवा अब चुप नहीं रहेंगे। सरकार को तुरंत स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस करना चाहिए, वरना वैश्विक स्तर पर जेन Z की लहर और तेज हो सकती है।
प्रधानमंत्री के संवाद प्रस्ताव पर प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया आने वाले दिनों में तय करेगी कि आंदोलन शांत होगा या और फैलेगा। राजा की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी।
यह प्रोटेस्ट ब्राजील के 2014 विश्व कप विरोध से मिलते-जुलते हैं, जहां युवाओं ने खेल आयोजन पर खर्च के खिलाफ बुनियादी सेवाओं की मांग की थी। अफ्रीका-एशिया में जेन Z अब राजनीतिक बदलाव का इंजन बन रही है।