नेपाल में विरोध प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली एक महिला की मौत हो गई है।
नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुर हुए प्रदर्शन देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि इसने देश की सरकार को न सिर्फ अपना फैसला वापस लेने पर मजबूर किया बल्कि सरकार को ही देश से हटा दिया। सरकार और देश के युवाओं के बीच शुरु हुए यह संघर्ष बहुत जल्द एक हिंसक प्रदर्शन में बदल गया था, जिसके चलते अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। विरोध प्रदर्शन के 5वें दिन 17 मौतों की पुष्टि की गई है, जिसके बाद मरने वालों का आंकड़ा 51 पहुंच गया है। नेपाल आंदोलन में मारे गए इन लोगों में एक भारतीय महिला के मरने की भी खबर सामने आई है। इस महिला की पहचान राजेश गोला के रूप में की गई और यह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली थी।
9 सितंबर को हिंसक घटना में मारी गई महिला अपने पति रामवीर सिंह गोला के साथ नेपाल घूमने गई थी। अपनी यात्रा के दौरान वह काठमांडू के होटल हयात में ठहरे हुए थे, तभी अचानक यह प्रदर्शन शुरु हो गया। मंगलवार को दंगों के दौरान इस होटल में भी आग लगा दी गई। होटल में फंसे लोग खिड़कियों से कूद कर अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगे। तभी सेना मौके पर पहुंची और उन्होंने होटल की खिड़कियों के नीचे गद्दे लगा दिए जिससे उन पर कूद कर लोग अपनी जान बचा सके।
राजेश और उनके पति रामवीर होटल के चौथे फ्लोर के कमरे पर थे और जान बचाने के लिए वह भी अन्य लोगों की तरह खिड़की से कूद गए। इस दौरान रामवीर को जहां हल्की चोटें आई वहीं उनकी पत्नी राजेश गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल हालत में राजेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। राजेश के बेटे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, उनके माता पिता जलते होटल से भागने का प्रयास करते समय एक दूसरे से अलग अलग हो गए थे। अगर वह मेरे पिता के साथ होती तो वह आज जिंदा होती।
राजेश के परिवार ने जानकारी देते हुए बताया है कि, उनके शव को पिछले दो दिनों से अस्पताल में रखा गया है और अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। उनके बेटे ने कहा, हम दूतावास के लगातार संपर्क में हैं। हम अब सीमा तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और सड़क के रास्ते भारत की यात्रा करेंगे। हमें उम्मीद है कि कल सुबह तक गाजियाबाद पहुंच जाएंगे। दूसरी तरफ गाजियाबाद में पड़ोसी और रिश्तेदार जमा हो गए है और नेपाल से राजेश के शव के आने का इंतजार कर रहे है।