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पहले मोदी.. अब NSA अजित डोभाल, क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर दुनिया को चौंका सकता है भारत

Russia Ukraine War: प्रधानमंत्री मोदी की हाल में ही रूस की यात्रा में अजित डोभाल भी उन्हीं के साथ गए थे, युद्ध को लेकर जो भी चर्चा हुई है वो सब अजित डोभाल जानते हैं।

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PM Narendra Modi and NSA Ajit Doval

Russia Ukraine War: रूस यूक्रेन युद्ध के अंत के लिए अब पूरी दुनिया की आस भारत पर आकर ठहर गई है। अमेरिका समेत हर एक देश अब ये सोच रहा है कि भारत के पास वो कौन सा प्लान होगा जिससे ये युद्ध रुक जाएगा। इसी बीच अब भारत ने इस शांतिवार्ता की कोशिश में एक और कदम आगे बढ़ाया है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल अगले सप्ताह रूस जाने वाले हैं। रूस की राजधानी मॉस्को में अजित डोभाल (Ajit Doval) ब्रिक्स NSA समिट में हिस्सा लेंगे। जानकार इसे रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की कोशिश से जोड़कर देख रहे हैं।

क्या करेंगे अजित डोभाल

हालांकि सरकार अभी डोभाल की इस यात्रा पर चुप हैं लेकिन ये साफ है कि 9 जुलाई, 2024 को राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि युद्ध के मैदानों में शांति नहीं मिल सकती है और यूक्रेन युद्ध में बच्चों और निर्दोषों की जान का नुकसान भयानक था। NSA अजित डोभाल रूस और यूक्रेन यात्रा के दौरान पीएम के साथ थे और युद्ध को खत्म करने के लिए उन 'विशेष विचारों' के बारे में सब कुछ जानते हैं।

2021 में ही यूक्रेन से आया था निमंत्रण

दरअसल ये एक तथ्य है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्लासगो में 2021 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान यूक्रेन आने के लिए आमंत्रित किया था, इसके बाद भारत के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से फोन पर बात की थी और प्रधानमंत्री को यूक्रेन की यात्रा पर आने को कहा था। इसी के बाद पीएम यूक्रेन की यात्रा पर गए थे।

अमेरिका और भारत बना रहा है प्लान?

जानकारों का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ बनने की पीएम मोदी की की कोई इच्छा नहीं है लेकिन वे युद्ध रोकने की सभी पहलों का समर्थन करते हैं ताकि बच्चों और महिलाओं को मिसाइलों, रॉकेटों और गोलियों से निशाना न बनाया जाए। प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत हुई थी और इसके बाद पीएम मोदी ने जो बाइडेन से फोन पर बातचीत कर रूस और यूक्रेन के हालातों के बारे में चर्चा की थी। हालांकि अब देखना ये है कि अजित डोभाल का रूस जाना इस शांतिवार्ता को आगे बढ़ाने में कितना कारगर होता है।

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