
अमेरिका ने चीन से ईरान जा रहा जहाज जब्त किया। (फोटो: X Handle/Bill Postmus)
US Seizes Chinese Ship Iran: दुनिया जब क्रिसमस और नए साल की तैयारियों में जुटी थी, ठीक उसी वक्त समंदर के बीचों-बीच एक ऐसा 'हाई-वोल्टेज ड्रामा' हुआ, जिसने वाशिंगटन से लेकर बीजिंग और तेहरान तक की नींद उड़ा दी है। खबर सीधी और साफ है— अमेरिका ने अपनी ताकत दिखाते हुए एक ऐसे मालवाहक जहाज (US Navy Cargo Ship Seizure) पर धावा बोल दिया है, जो चीन से निकला था और ईरान (US China Iran Tension) जा रहा था। यह कोई मामूली घटना नहीं है। अगर हालात खराब हुए तो इससे दुनिया में कच्चे तेल का संकट (Global Crude Oil Crisis) पैदा हो सकता है । अंतरराष्ट्रीय समंदर में किसी दूसरे देश के जहाज पर चढ़ना और उसे अपने कब्जे में ले लेना (US Seizes Chinese Ship Iran) युद्ध के ऐलान से कम नहीं माना जाता।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला था कि चीन से चले एक जहाज में 'कुछ ऐसा' ले जाया जा रहा है, जो सामान्य नहीं है। शक जताया जा रहा है कि इस जहाज में प्रतिबंधित हथियार, मिसाइल टेक्नोलॉजी या फिर ऐसे पुर्जे हो सकते हैं, जिनका इस्तेमाल ईरान अपने परमाणु प्रोग्राम या मिलिट्री ताकत बढ़ाने के लिए कर सकता है।
यह जहाज जैसे ही एक खास लोकेशन पर पहुंचा, अमेरिकी सेना ने उसे घेर लिया। इसे बिल्कुल हॉलीवुड फिल्म के सीन जैसा समझिए— समंदर में लहरों के बीच अमेरिकी कमांडो जहाज पर उतरे और पूरे क्रू को कंट्रोल में ले लिया। अमेरिका का कहना है कि वे प्रतिबंधों (Sanctions) का पालन करवा रहे हैं, जबकि ईरान और चीन इसे 'समुद्री डकैती' और 'दादागिरी' बता रहे हैं।
साल 2025 खत्म होते-होते अमेरिका और चीन के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। अमेरिका को लगता है कि चीन चोरी-छिपे ईरान और रूस की मदद कर रहा है। यह जहाज उसी 'सीक्रेट सप्लाई चेन' का हिस्सा माना जा रहा है। अमेरिका का यह एक्शन चीन को साफ संदेश है— "हम सब देख रहे हैं और हम तुम्हें रोकेंगे।"
यह कच्चे तेल का खेल और महंगाई की मार से जुड़ा मामला है। यह पूरी घटना उस रूट पर हुई है, जो दुनिया के तेल व्यापार की 'नस' है। भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा तेल आयात करता है। अगर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ा और समंदर में ऐसे ही जहाजों को रोका जाने लगा, तो कच्चे तेल के दाम (Crude Oil Prices) आसमान छूने लगेंगे। सीधा असर यह होगा कि भारत में पेट्रोल-डीजल महंगा होगा और आपकी जेब पर मार पड़ेगी।
भारत ईरान के चाबहार पोर्ट को विकसित कर रहा है, ताकि मध्य एशिया तक व्यापार किया जा सके। अगर अमेरिका, ईरान पर और अधिक सख्त प्रतिबंध् लगाता है या वहां मिलिट्री एक्शन बढ़ा देता है, तो भारत के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग सकता है।
भारत के रिश्ते अमेरिका से भी अच्छे हैं और ईरान से भी हमारे पुराने संबंध हैं। जब दो दोस्त आपस में लड़ते हैं, तो सबसे ज्यादा मुसीबत तीसरे दोस्त की होती है। ऐसे में भारत को अब बहुत संभल कर बयान देना होगा।
फिलहाल यह जहाज अमेरिकी कब्जे में है। इधर चीन ने इसे उकसावे वाली कार्रवाई बताया है। अगर चीन ने भी जवाब में ताइवान या दक्षिण चीन सागर में किसी अमेरिकी जहाज को रोक लिया, तो बात बहुत बिगड़ सकती है।
बहरहाल, दिसंबर की सर्दी में इस खबर ने दुनिया की सियासत का पारा गर्म कर दिया है। भारत शांति की अपील कर रहा है, लेकिन अंदरखाने दिल्ली भी अपनी एनर्जी सिक्योरिटी को लेकर चिंतित है। यह सिर्फ एक जहाज पकड़ने की बात नहीं है, यह दुनिया के दो सुपर पावर (अमेरिका और चीन) के बीच चल रही उस जंग का हिस्सा है, जो कभी भी चिंगारी से आग में बदल सकती है।
Updated on:
13 Dec 2025 05:25 pm
Published on:
13 Dec 2025 05:21 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
