कनाडा में रिफ्यूजी स्टेटस के लिए आवेदन करने वाले अमेरिकियों की संख्या बढ़ रही है। क्या है पूरा मामला? आइए नज़र डालते हैं।
इस साल की शुरुआत से ही कनाडा में एक हैरान करने वाली बात देखने को मिली है और वो है अमेरिकियों का अपने पड़ोसी देश में रिफ्यूजी स्टेटस के लिए आवेदन करना। 2025 के शुरुआती 6 महीने में कनाडा के इमिग्रेशन और रिफ्यूजी बोर्ड के अनुसार 2024 की तुलना में ज़्यादा अमेरिकियों ने कनाडा में रिफ्यूजी स्टेटस प्राप्त करने के लिए आवेदन किया, जो 2019 के बाद किसी भी पूरे साल से ज़्यादा है।
2025 के शुरुआती 6 महीने के आंकड़े पर गौर किया जाए, तो 245 अमेरिकियों ने कनाडा में रिफ्यूजी स्टेटस के लिए आवेदन किया है। वहीं इसी अवधि में लगभग 55,000 कुल लोगों ने रिफ्यूजी स्टेटस के लिए आवेदन किया है। ऐसे में अमेरिकी आवेदकों की संख्या ज़्यादा नहीं है, लेकिन इसमें पहले से इजाफा देखने को मिला है। ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी लोगों के रिफ्यूजी स्टेटस की स्वीकृति दर कनाडा में बहुत कम रही है क्योंकि कम ही अमेरिकी इसके लिए आवेदन करते हैं।
इसके साथ ही सुरक्षित तीसरे देश समझौते के तहत अमेरिका से आने वाले अन्य देशों के रिफ्यूजीस को अक्सर वापस भेज दिया जाता है, क्योंकि अमेरिका को रिफ्यूजी स्टेटस के लिए एक सुरक्षित देश माना जाता है।
यूं तो कनाडा में रिफ्यूजी स्टेटस के लिए आवेदन करने वाले अमेरिकियों की संख्या ज़्यादा नहीं है, लेकिन फिर भी पहले की तुलना में यह बढ़ रही है। इसकी वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रांसजेंडर्स के प्रति नीतियाँ। इसी वजह से अमेरिकी ट्रांसजेंडर्स, कनाडा में रिफ्यूजी स्टेटस के लिए आवेदन कर रहे हैं, जिससे अमेरिका को छोड़कर वो कनाडा में रह सके। ट्रंप की नीतियों के तहत जेंडर-अफर्मिंग केयर, सैन्य सेवा, बाथरूम उपयोग और खेलों में भागीदारी तक ट्रांसजेंडर्स की पहुंच को सीमित कर दिया गया है।
कनाडा में रिफ्यूजी स्टेटस पाने के लिए आवेदन करने वाले अमेरिकियों को यह साबित करना होगा कि अमेरिका में उनके लिए कहीं भी सुरक्षित जगह नहीं है, जो कनाडा की कठिन मूल्यांकन प्रक्रिया को देखते हुए मुश्किल शर्त है। इमिग्रेशन और रिफ्यूजी बोर्ड ने हाल ही में एलजीबीटीक्यू व्यक्तियों के साथ अमेरिका के व्यवहार का मूल्यांकन करने के लिए ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे समूहों के दस्तावेज भी जोड़े हैं।