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Pahalgam Attack: भारत के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान, शिमला समझौता रद्द करने का कर सकता है ऐलान

Shimla Agreement: 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत हुई थी और पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश एक अलग देश बना। इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को भारत ने बंधक बना लिया था।

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Apr 24, 2025

Pahalgam Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एक्शन लिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सीसीएस (CCS) की बैठक हुई। केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के जवाब में कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया। भारत के इस एक्शन के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान में अब शिमला समझौता रद्द करने की चर्चाएं चल रही है।

शिमला समझौते को रद्द कर सकता है पाकिस्तान

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बाद अब अन्य द्विपक्षीय समझौते की बुनियाद भी कमजोर पड़ सकती है। इसके जवाब में पाकिस्तान LOC स्थापित करने वाले शिमला समझौते के साथ ही अन्य युद्धविराम व्यवस्थाओं को निलंबित करने पर विचार कर सकता है।

क्या है शिमला समझौता

शिमला समझौता को शिमला संधि भी कहा जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को हस्ताक्षरित एक शांति समझौता था। यह समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और बांग्लादेश के निर्माण के बाद हुआ। इस पर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव कम करना और भविष्य में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना था।

93 हजार सैनिक पाकिस्तान को मिले थे वापस

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत हुई थी और पाकिस्तान से टूटकर बांग्लादेश एक अलग देश बना। इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को भारत ने बंधक बना लिया था। शिमला समझौते के बाद अपने बंधक सैनिक पाकिस्तान को वापस मिल गए। 

शिमला समझौते के मुख्य प्रावधान

शिमला समझौते में दोनों देशों ने एक-दूसरे की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का वादा किया। इसमें भारत और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय वार्ता के जरिए सभी विवादों को हल करने का संकल्प लिया, बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के।

शिमला समझौता रद्द करने पर पाकिस्तान को होगा नुकसान

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान अब शिमला समझौते से पीछे हट सकता है। यदि ऐसा होता है तो इससे पाकिस्तान को बहुत नुकसान होगा, क्योंकि कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बनाए रखने का शिमला समझौता आधार है। यदि पाकिस्तान इसे रद्द करता है तो भारत के पास यह तर्क होगा कि पाकिस्तान ने स्वयं इसे अमान्य कर दिया। जिससे भारत को कश्मीर मुद्दे पर अपनी नीतियों को और मजबूत करने की स्वतंत्रता मिलेगी। 

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