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पाकिस्तान पर टैरिफ का डबल हमला : रुपया स्थिर, 7.7 अरब डॉलर रिजर्व, लेकिन ये कमजोरियां बाकी

Pakistan Economic Recovery: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखे, मुद्रास्फीति 23.4% से गिर कर 4.5% पर पहुंची।

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Oct 19, 2025
पाकिस्तान का आर्थिक रिकॉर्ड। (फोटो: ANI.)

Pakistan Economic Recovery: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में हल्की हरी झंडी दिखी (Pakistan Economic Recovery) है, लेकिन रास्ता कांटों भरा बना हुआ। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP Annual Report) की 2024-25 वार्षिक रिपोर्ट में गवर्नर जमील अहमद (Jameel Ahmed) ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पुनरुद्धार के संकेत मिले, मगर यह स्थिरता नाजुक है। घरेलू कमजोरियां और बाहर के झटके जैसे वैश्विक टैरिफ विवाद इसे पटरी से उतार सकते हैं। आसान शब्दों में, केंद्रीय बैंक ने सख्त नीतियों से स्थिरता पकड़ी, लेकिन अभी जश्न मनाने का वक्त नहीं। रिपोर्ट संसद में पेश की गई, जो बताती है कि सुधार आसानी से उलट सकते हैं।

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मुद्रा स्फीति पर काबू : 23% से 4.5% की बड़ी गिरावट

सबसे बड़ी अच्छी खबर मुद्रास्फीति की है। पिछले साल 23.4% पर पहुंची महंगाई अब घटकर 4.5% रह गई। कारण? घरेलू खपत में कमी, विदेशी सामान सस्ते हुए और खाने-पीने की चीजें ज्यादा उपलब्ध हुईं। एनर्जी कीमतें भी नीचे रहीं। इस परिणाम से मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने नीतिगत दर में 1,100 आधार अंकों की कटौती की- यह पाकिस्तान के इतिहास की सबसे तेज ढील थी। लेकिन एसबीपी ने साफ कहा, यह जंग अभी बाकी है। कोर मुद्रास्फीति बढ़ रही, अमेरिका के टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव से दूसरी छमाही में कटौती की रफ्तार धीमी करनी पड़ी।

बाहरी मोर्चा मजबूत, लेकिन आंतरिक घाव गहरे

बाहर की तस्वीर बेहतर लग रही। एसबीपी ने विदेशी मुद्रा भंडार 7.7 अरब डॉलर तक मजबूत किया, जिससे पाकिस्तानी रुपया सिर्फ 1.9% गिरा। करेंट अकाउंट में 14 साल बाद सरप्लस आया, आईएमएफ की ईएफएफ प्रोग्राम से फंडिंग बढ़ी। फिस्कल डेफिसिट 9 साल के न्यूनतम 5.4% जीडीपी पर सिमटा, प्राइमरी सरप्लस दोगुना होकर 2.4% पहुंचा। लेकिन अंदरूनी कमजोरियां चिंता का सबब हैं। आयात बढ़ रहे, राजकोषीय घाटा कंट्रोल से बाहर, रेमिटेंस पर ज्यादा निर्भरता। ये सब मुद्रास्फीति को फिर भड़का सकते हैं और प्रतिस्पर्धा घटा सकते हैं।

रिएक्शन: अर्थशास्त्रियों का मिश्रित जवाब

रिपोर्ट पर सोशल मीडिया और एक्सपर्ट्स ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। एक्स पर ट्रेंडिंग #PakistanEconomy में यूजर्स बोले, "मुद्रास्फीति कंट्रोल तो अच्छा, लेकिन बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया!" अर्थशास्त्री कह रहे, "नीतिगत ढील साहसी कदम, मगर जल्दबाजी से महंगाई लौट सकती।" व्यापारियों ने तारीफ की, "रेट कट से बिजनेस को राहत मिली।" लेकिन आलोचक चिल्ला रहे, "संरचनात्मक सुधारों के बिना यह बस आखिरी सांस है।"

अब अगले कदम क्या ?

एसबीपी ने सरकार से अपील की कि टिकाऊ सुधारों पर फोकस करें- उत्पादकता बढ़ाएं, फाइनेंशियल इनक्लूजन को 75% तक ले जाएं। FY26 में जीडीपी ग्रोथ 3.25-4.25% रहने का अनुमान, मुद्रास्फीति 5-7% पर स्थिर। आईएमएफ प्रोग्राम जारी रखें, प्राइवेट लोन बढ़ाएं। अगली एमपीसी मीटिंग में रेट कट पर फैसला होगा- क्या धीमी या रुकेंगी?

बाढ़ और टैरिफ का वैश्विक कनेक्शन

दूसरे नजरिये से देखें तो 2025 की बाढ़ ने फसलें बर्बाद कीं, सप्लाई चेन तोड़ी, जो महंगाई को ट्रिगर कर सकती। अमेरिका के टैरिफ से एक्सपोर्ट हिट, ऊर्जा कीमतें उछालेंगी। लेकिन पॉजिटिव साइड? रेटिंग एजेंसियां ने आउटलुक अपग्रेड किया, इनवेस्टमेंट आकर्षित हो सकता। अगर सुधार पकड़े, तो पाकिस्तान साउथ एशिया में रिकवरी का मॉडल बनेगा- मगर नीतिगत गतिरोध से चूक गए तो डिफॉल्ट का खतरा फिर मंडराएगा।

सुधारों की असली परीक्षा अब

बहरहाल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने सांस ली, लेकिन गहरी सांस लेने का वक्त दूर। एसबीपी की चेतावनी साफ- राजकोषीय सुधार और उत्पादक विकास जरूरी। अगर सरकार ने सुनी, तो उड़ान भरेंगे; वरना गिरावट तय। दुनिया देख रही- क्या पाकिस्तान यह नाजुक संतुलन संभालेगा ? (ANI)

Updated on:
19 Oct 2025 02:52 pm
Published on:
19 Oct 2025 02:50 pm
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