Heatwave in Pakistan: पाकिस्तान के कराची और सिंध में 20 मई तक लू का अलर्ट जारी है, जिससे तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है।
Heatwave in Pakistan: पाकिस्तान के मौसम विज्ञान विभाग (PMD) ने शनिवार को चेतावनी दी है कि कराची और सिंध के अन्य हिस्सों में 20 मई तक लू (Heatwave)का प्रकोप जारी रहेगा (Heatwave in Pakistan)। निरंतर उच्च वायुमंडलीय दबाव के कारण इन क्षेत्रों में तापमान में अत्यधिक वृद्धि होने की संभावना (Weather Alert) है, जिससे संवेदनशील जनसंख्या के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है। द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, आने वाले दिनों में कराची, सिंध (Karachi, Sindh) के कई शहरों में तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस (Pakistan May Heat) अधिक रहने का अनुमान है। दादू, शहीद बेनजीराबाद और नौशहरो फिरोज जैसे शहरों में दिन का तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री अधिक (Summer 2025) रहने की संभावना है, जिससे खतरनाक परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
जानकारी के अनुसार जैकबाबाद, सुक्कुर और आसपास के क्षेत्रों में भी प्रचंड गर्मी का असर रहेगा। इन शहरों में भी तापमान औसत से अधिक रहेगा, और हीटवेव की स्थिति बनी रहेगी। बाडिन, थारपारकर, उमरकोट और हैदराबाद जैसे क्षेत्रों में दिन का तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहने की उम्मीद है। PMD ने यह भी कहा है कि यह तापमान वृद्धि निचले सिंध क्षेत्र में गर्मी की लंबी प्रवृत्ति को दर्शाती है।
कराची में अगले तीन दिनों तक गर्मी और उमस का दौर जारी रहेगा, जिसमें तापमान 35°C से 37°C के बीच रह सकता है। उच्च आर्द्रता के कारण यह वास्तविक तापमान से कहीं अधिक महसूस होगा, जिससे लोगों के लिए असुविधा और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकता है।
जैसे-जैसे हीटवेव का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से हाइड्रेटेड रहने, सीधी धूप से बचने और बाहर कम समय बिताने की अपील की है। अस्पतालों में गर्मी से संबंधित समस्याओं के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, और स्वास्थ्य सेवाओं में अतिरिक्त मदद प्रदान की जा रही है।
यह लगातार बढ़ती गर्मी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकारों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियाँ अपनाने की आवश्यकता है।
यह अत्यधिक गर्मी केवल तत्काल संकट नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा संकेत है कि दक्षिण एशिया को अपनी जलवायु नीतियों और शहरी विकास योजनाओं पर पुनर्विचार करना होगा। दक्षिण एशियाई देशों में बड़े शहरों के लिए अधिक ठंडी और टिकाऊ ऊर्जा प्रणालियों का निर्माण आवश्यक हो गया है।