Pakistan Water Crisis: पाकिस्तान में पानी का संकट गहराता जा रहा है। पंजाब और सिंध प्रांत, जो पाकिस्तान के दो बड़े और मुख्य प्रांत हैं, में पानी की किल्लत बढ़ती ही जा रही है।
भारत (India) ने जब से पाकिस्तान (Pakistan) के साथ सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) रद्द करने का फैसला लिया है, पाकिस्तान की चिंता काफी बढ़ गई है। भारत की इस 'वॉटर स्ट्राइक' से पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। देश में पानी का संकट गहराता जा रहा है। पानी के लिए पाकिस्तान सिंधु जल समझौते से जुड़ी नदियों पर निर्भर है, लेकिन भारत द्वारा इस समझौते को रद्द करना पाकिस्तान के लिए परेशानी की वजह बन गया है। पाकिस्तान ने भारत को कई बार ऐसा न करने की गीदड़भभकी भी दी और जब कोई असर नहीं हुआ, तब गुहार भी लगाईं, लेकिन भारत ने अपना फैसला वापस नहीं लिया।
सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान के पंजाब (Punjab) और सिंध प्रांत में संकट गहरा रहा है। ये दोनों प्रांत पाकिस्तान के बड़े और मुख्य प्रांत हैं। पंजाब को तो पाकिस्तान का सबसे समृद्ध प्रान्त माना जाता है। सिंधु जल समझौते के रद्द होने से दोनों प्रांतों की जनता काफी परेशान है। इससे पीने के पानी की भारी किल्लत हो जाएगी।
पाकिस्तान की करीब 80% खेती सिंधु जल समझौते पर निर्भर करती है। देश की करीब 16.5 मिलियन हेक्टेयर से ज़्यादा कृषि भूमि सिंचाई के लिए इसी समझौते की नदियों पर निर्भर करती है। अगर पानी की किल्लत हुई, तो खेती पर काफी असर पड़ेगा।
सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान के कई जल विद्युत संयंत्रों को भी नुकसान होगा। इससे देश की 30% बिजली का उत्पादन रुकेगा, जिससे पाकिस्तान में ऊर्जा संकट भी गहराएगा।
सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान में सिर्फ कृषि पर ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े अन्य उद्योगों पर भी असर पड़ेगा। इनमें कपड़ा, चीनी, फल, सब्जी जैसे उद्योग शामिल हैं, जिनमें काफी नुकसान हो सकता है।
सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगेगा। सिंधु और इससे जुड़ी नदियाँ सिर्फ पाकिस्तानी जनजीवन के लिए ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी ज़रूरी है। इसके अभाव में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 4-8 लाख करोड़ रूपए तक का नुकसान हो सकता है।
भारत के बाद अब अफगानिस्तान (Afghanistan) भी पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए तैयार है। दरअसल तालिबान (Taliban) ने कुनार नदी पर नया बांध बनाने की योजना का ऐलान किया है। इससे पाकिस्तान में पानी का संकट और गहरा हो जाएगा।