पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें भारत द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी थी। साथ ही उसने सुरक्षा कारणों से बंकर में जाने की भी सलाह दी थी।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने जवाबी कार्रवाई में ऑपरेशन सिंदूर किया था। अब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर उन्हें बंकर में जाने की सलाह दी थी।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें भारत द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी थी। साथ ही उसने सुरक्षा कारणों से बंकर में जाने की भी सलाह दी थी। हालांकि उन्होंने इस सुझाव को मानने से इनकार कर दिया था।
जरदारी ने कहा कि अगर शहादत आनी है तो यहीं आए। नेता बंकरों में नहीं, मैदान में मरते हैं। वे युद्ध के मैदान में मरते हैं। वे बंकरों में बैठे-बैठे नहीं मरते।
बता दें कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान की ओर से लगातार ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव को कम दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी भारत के हमलों से हुए नुकसान को स्वीकार किया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस को भारत ने निशाना बनाया था, जिससे सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचा और वहां तैनात कुछ कर्मी घायल हुए थे।
वहीं डार ने आगे कहा कि भारत ने 36 घंटे के भीतर पाकिस्तान की ओर करीब 80 ड्रोन भेजे। हमने 79 ड्रोन को मार गिराया, लेकिन एक ड्रोन ने सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचाया और उसमें तैनात कर्मी घायल हुए।
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुआ। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर कर आतंकी हमले का बदला लिया।
भारत ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में कई आतंकियों की मौत हुई। ऑपरेशन के दौरान भारत ने न सिर्फ आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, बल्कि पाकिस्तान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई को भी नाकाम किया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस पर प्रभावी हमले किए।