PM Modi's Thailand-Sri Lanka Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड-श्रीलंका दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान पीएम मोदी थाईलैंड में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) थाईलैंड-श्रीलंका दौरे (Thailand-Sri Lanka Visit) के लिए रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी 3-6 अप्रैल तक पहले थाईलैंड दौरे पर रहेंगे और फिर श्रीलंका दौरे पर। पीएम मोदी ने इस बारे में सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी और लिखा, "अगले तीन दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका के दौरे पर रहूंगा और इन देशों तथा बिम्सटेक (BIMSTEC) देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगा। आज बैंकॉक (Bangkok) में मैं थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा (Paetongtarn Shinawatra) से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड की मित्रता के पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न (Maha Vajiralongkorn) से भी मुलाकात करूंगा।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (BIMSTEC Summit) आयोजन होगा, जिसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी को थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा ने न्यौता दिया है। इस दौरान पीएम मोदी, बिम्सटेक देशों के नेताओं से मिलेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों के हित के साथ सहयोग को और मज़बूत करने के लिए रचनात्मक रूप से जुड़ेंगे। इतना ही नहीं, बैंकॉक में पीएम मोदी, थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा समेत देश के अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंधों को और मज़बूत करने पर बातचीत करेंगे, जो साझा संस्कृति, दर्शन और आध्यात्मिक विचार की मज़बूत नींव पर आधारित हैं।
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पीएम मोदी ने श्रीलंका दौरे के बारे में भी सोशल मीडिया पर लिखा, "मेरी श्रीलंका यात्रा 4 से 6 तारीख तक होगी। यह यात्रा राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) की भारत की सफल यात्रा के बाद हो रही है। हम बहुआयामी भारत-श्रीलंका मित्रता की समीक्षा करेंगे और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे। मैं श्रीलंका में होने वाली विभिन्न बैठकों का भी इंतज़ार कर रहा हूं।"
पीएम मोदी के श्रीलंका दौरे के दौरान कच्चातीवु आइलैंड (Katchatheevu Island) पर चर्चा भी संभव है। इस आइलैंड पर काफी समय तक दोनों देशों में विवाद रहा। पहले माना जाता था कि यह आइलैंड भारत के अधिकार में था, लेकिन आधिकारिक रूप से भारतीय सरकार ने कभी भी इस पर शासन नहीं किया। 1974 में तत्कालीन भारत सरकार ने इस आइलैंड पर श्रीलंका का आधिपत्य स्वीकार कर लिया। हाल ही में तमिलनाडु विधासभा में श्रीलंका से इस आइलैंड को वापस लेने पर प्रस्ताव पारित किया गया है। ऐसे में पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति दिसानायके के बीच होने वाली मुलाकात में यह विषय भी उठ सकता है।
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