Putin India Visit:पुतिन का भारत दौरा भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करेगा, लेकिन पाकिस्तान एस-400 जैसे रक्षा सौदों से सीमा सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
Putin India Visit: यूक्रेन से युद्ध के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पहला भारत दौरा (Putin India Visit) पड़ोसी देशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ाने, रक्षा,विशेषकर एस-400 मिसाइल सिस्टम के अतिरिक्त सौदे (Pakistan Concerns Defense Deals) और ब्रह्मोस-II जैसे रक्षा सहयोग पर चर्चा होनी है। इस बीच, पाकिस्तान भी इन घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है और सीमा सुरक्षा को लेकर वह चिंता जाहिर कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस दौरे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उसकी चुप्पी में भी कई सवाल छिपे हुए हैं।
पाकिस्तान का कहना है कि वह भारत-रूस रिश्तों का सम्मान करता है, लेकिन रक्षा सौदों से सीमावर्ती तनाव बढ़ने का खतरा महसूस कर रहा है। ध्यान रहे कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सितंबर 2025 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन से मुलाकात के समय साफ तौर पर कहा था कि वे भारत के साथ रूस के रिश्तों को पूरी तरह स्वीकार करते हैं, लेकिन रूस के साथ भी अपने रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं, जो उनके देश की क्षेत्रीय समृद्धि में सहायक हों।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हाल ही में पुतिन को अपने देश आने का न्योता भी दिया था, जिसे रूस ने स्वीकार कर लिया था। यह संकेत है कि पाकिस्तान रूस के साथ अपने संबंध मजबूत करने का इच्छुक है, लेकिन भारत के साथ प्रतिस्पर्धा से बचने की कोशिश कर रहा है। शहबाज शरीफ ने पुतिन को एक 'गतिशील नेता' बताया और पाक-रूस सहयोग को क्षेत्रीय शांति के लिए 'पूरक' बताया है।
प्रतिरक्षा सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चिंता एस-400 जैसे रक्षा सौदों को लेकर है। मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष के दौरान एस-400 की भूमिका को लेकर पाकिस्तान सतर्क था। भारतीय वायुसेना प्रमुख मार्शल एपी सिंह ने इसे 'गेम चेंजर' बताया था, जिससे पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा पर खतरा महसूस हो सकता है।
पाकिस्तानी मीडिया की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ मीडिया चैनलों ने पुतिन के दौरे को 'रणनीतिक' बताया है, जबकि अन्य ने भारत-रूस के नजदीकी रिश्तों के कारण दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन बिगड़ने की आशंका जताई है। भारतीय मीडिया के अनुसार, पाकिस्तान के मीडिया ने पुतिन के दौरे को मुख्य रूप से व्यापारिक बताया है, लेकिन एस-400 जैसे रक्षा सौदों से सीमावर्ती तनाव बढ़ने की आशंका जताई है। कुछ पाकिस्तानी अखबारों नेअपने संपादकीय में भारत की 'बहुपक्षीय कूटनीति' की सराहना की है, लेकिन इसने पाकिस्तान को 'अलग-थलग' महसूस कराया है।
सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तान में पुतिन के भारत दौरे को लेकर चिंता जताई जा रही है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #PutinIndiaVisit ट्रेंड कर रहा है, जिसमें यूजर्स एस-400 और सु-57 सौदों से उत्पन्न सैन्य असंतुलन पर बात कर रहे हैं। एक पोस्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान को रूस से साझेदारी चाहिए, लेकिन भारत की बढ़ती ताकत सीमा पर खतरे का संकेत है।" कुछ यूजर्स ने यह भी कहा, "पाकिस्तान न रूस का, न अमेरिका का सच्चा साथी है, वह तो बस बीच में फंस गया है।" कुल मिलाकर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की चिंता, तटस्थता और सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिला कर करीब 50% चिंता, 30% तटस्थ और 20% सकारात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
पुतिन के भारत दौरे पर पाकिस्तान का रुख तटस्थ और रक्षात्मक रहा है। पाकिस्तान सरकार भारत-रूस संबंधों पर कोई खुला विरोध नहीं कर रही है, लेकिन यह भी साफ है कि वह अपने आप को इस स्थिति में शामिल करने की कोशिश कर रही है। पुतिन का दौरा भारत की रणनीतिक स्वायत्तता मजबूत करेगा, लेकिन पाकिस्तान को इस बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव के बीच अपनी कूटनीति पर पुनर्विचार करना होगा। यह साफ है कि दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन बदलने वाला है, और पाकिस्तान को अपनी नई रणनीति अपनानी होगी।
बहरहाल, पुतिन का भारत दौरा न केवल भारत और रूस के रिश्तों को गहरा करेगा, बल्कि यह पाकिस्तान के लिए भी एक चेतावनी हो सकती है। उसे चिंता है कि एस-400 जैसे रक्षा सौदों के प्रभाव से सीमा पर तनाव बढ़ सकता है, और पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा नीति और कूटनीतिक रणनीति में बदलाव करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है।