पीओके के मामले में पाकिस्तान को एक और झटका मिला है। यह झटका पाकिस्तान को तालिबान की तरफ से मिला है।
जब से अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी हुई है, तब से पाकिस्तान से उसका तनाव शुरू हो गया है। तालिबान के शासन में पाकिस्तान में आतंकवाद भी काफी बढ़ गया है। इससे भी दोनों देशों की सरकारों के बीच तनाव बना हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने भी अफगानिस्तान के लाखों शरणार्थियों को देश से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पर अब तालिबान ने कुछ ऐसा किया है जिससे पाकिस्तान को झटका लगा है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (पीओके) के दावे को मानने से इनकार कर दिया है।
सीमाओं का किया मूल्यांकन
तालिबान सरकार ने हाल ही में पिछले 3 दशकों में पहली बार अफगानिस्तान की सीमाओं का मूल्यांकन किया है। सीमाओं के मूल्यांकन के ज़रिए तालिबान ने पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा मानने के दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया है।
पीओके को माना जम्मू और कश्मीर का हिस्सा
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ काल्पनिक रेखा, ताजिकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के साथ आधिकारिक सीमाओं का मूल्यांकन किया है। इस मूल्यांकन के बाद तालिबान ने पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं, बल्कि जम्मू और कश्मीर का हिस्सा माना है। जम्मू और कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है और भारत ने पीओके को हमेशा ही अपना हिस्सा माना है और यह भी साफ कर दिया है कि सही समय पर पीओके का जम्मू और कश्मीर में विलय किया जाएगा।
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