Russia-Ukraine War: क्रेमलिन के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पुतिन आगे भी लड़ सकते हैं, लेकिन वह युद्ध विराम के लिए भी तैयार हैं। पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी कहा कि रूस अपने लक्ष्यों को पाने के लिए बातचीत को भी तैयार है, रूस अनंत युद्ध नहीं चाहता।
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप के सबसे बड़े जमीनी संघर्ष में इन दोनों देशों के हजारों लोगों की जान गई और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने रूस (Russia) की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी ऐसे में अब रूस इन सबसे छुटकारा चाहता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के चार करीबी सहयोगियों ने इसके संकेत दिए हैं। क्रेमलिन के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पुतिन आगे भी लड़ सकते हैं, लेकिन वह युद्ध विराम के लिए भी तैयार हैं। पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी कहा कि रूस अपने लक्ष्यों को पाने के लिए बातचीत को भी तैयार है, रूस अनंत युद्ध नहीं चाहता।
इस बात को तब और बल मिलता है, जब पिछले सप्ताह पुतिन (Vladimir Putin) ने अर्थशास्त्री आंद्रेई बेलोसोव को रूस का नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया। पश्चिमी सैन्य और राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन अब अर्थव्यवस्था की स्थिरता चाहते हैं। पिछले दिनों चीन यात्रा पर गए पुतिन ने पत्रकारों से कहा भी था कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, हमने कभी इसके लिए इनकार नहीं किया। करीबी सूत्रों का मानना है कि यूक्रेन के खिलाफ (Russia-Ukraine War) अब किसी भी कदम से अन्य देशों की लामबंदी हो सकती है, जो पुतिन नहीं चाहते। माना जाता है कि 2022 में युद्ध छेड़ने के बाद उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) को पुतिन की युद्ध विराम जैसी बातों पर भरोसा नहीं है। जेलेंस्की अक्सर कहते हैं कि पुतिन की शर्तों पर शांति की शुुरुआत नहीं हो सकती। वह क्रीमिया सहित खोए हुए क्षेत्रों को वापस पाना चाहते हैं, जिसे 2014 में रूस ने अपने कब्जे में ले लिया था। चार में से एक सूत्र का कहना है कि जेलेंस्की के सत्ता में रहते कोई समझौता नहीं हो सकता। यूक्रेन अगले माह स्विट्जरलैंड में होने वाली शांति वार्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की तैयारी कर रहा है। वार्ता की पहल करने वाले जेलेंस्की चाहते हैं कि वार्ता में पुतिन शामिल नहीं हों। स्विट्जरलैंड ने भी रूस को वार्ता के लिए नहीं बुलाया। मॉस्को का कहना है कि उसके लिए वार्ता को कोई अर्थ नहीं है।
इस युद्ध में रूस ने (Russia-Ukraine War) अपने 50 हजार सैनिक खो दिए, जबकि यूक्रेन ने 31 हजार सैनिकों के अलावा चार महत्वपूर्ण क्षेत्र भी गंवा दिए। हजारों की संख्या में नागरिकों की जान जा चुकी है। रूस अब तक यूक्रेन के 18 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर चुका है। इनमें दोनेस्क, लुहांस्क, जापोरिजिया और खेरसान जैस क्षेत्र आते हैं। इस महीने रूसी सेना खार्कीव के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में भी घुस गई।
युद्ध विराम की खबरों के बीच रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए और परमाणु अभ्यास भी शुरू कर दिया। रूस ने यूक्रेन से सटे 13 क्षेत्रों में 25 हजार से ज्यादा सैनिकों को युद्धाभ्यास के लिए उतारा है। जिन क्षेत्रों में यह ऑपरेशन किया जा रहा है, उनमें रोस्तोव, बेल्गोग्राद, कल्मीकिया, क्रासनोदर काई, अदीगिया और इंगुशेतिया शामिल हैं। ये इलाके यूक्रेन से लेकर जॉर्जिया और लिथुवानिया तक फैले हैं। इस अभ्यास को देखते हुए ब्रिटेन केउप प्रधानमंत्री ओलिवर डाउडन ने अलर्ट जारी किया है और सीमाई इलाकों में लोगों को तीन दिन की रसद सामग्री जमाकर रखने को कहा है।
इस बीच रूसी विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि यदि उसकी मिसाइलों से मॉस्को पर हमले हुए तो वह ब्रिटेन पर पलटवार करेगा। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा, हमारी चेतावनी के बाद भी ब्रिटेन नहीं संभलता तो हम भूल जाएंगे कि वह यूक्रेन की सीमाओं के अंदर या बाहर के ब्रिटिश ठिकानों को निशाना बना रहा है। रूस की यह प्रतिक्रिया ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड कैमरन के उस बयान पर आई है, जिसमें उन्हेांने कहा था कि यूक्रेन को यह अधिकार है कि वह रूस के अंदरूनी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ब्रिटेन के उपलब्ध करवाए हथियारों का इस्तेमाल कर सके।