Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन का संघर्ष अब तक के सबसे भीषण दौर से गुजर रहा है, इस युद्ध को अब 1000 दिन पूरे हो चुके हैं।
Russia Ukraine War: यूक्रेन युद्ध के 1000 दिन होने के साथ ही यह संघर्ष अब एक नए दौर में प्रवेश कर गया है। एक तरफ यूक्रेन ने पहली बार अमेरिका की लंबी दूरी की मिसाइलों (ATACMS) से रूसी जमीन पर हमला बोला है, तो दूसरी तरफ जवाबी कार्रवाई में रूस के द्वारा परमाणु हमले की नीति को बदल दिए जाने से तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) का खतरा पैदा हो गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेनी हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि यूक्रेनी सेना ने रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में 6 अमरीकी मिसाइलों से हमला किया, जिनमें से कुछ को नष्ट कर दिया गया है। उनमें से पांच को एस-400 और पैंटसर एयर डिफेंस सिस्टम ने तबाह कर दिया, जबकि एक अन्य क्षतिग्रस्त होने के बाद ब्रांस्क क्षेत्र में रूसी सैन्य इलाके में गिरी, जिससे लगी आग को तुरंत बुझा दिया गया।
रूसी सेना ने इस हमले से किसी प्रकार का नुकसान होने से इंकार किया है, वहीं यूक्रेन ने कहा है मिसाइलें अपना लक्ष्य भेदने में सफल रहीं। दूसरी ओर, यूरोपीय संघ के निवर्तमान विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस पर हमले की अनुमति देने की अमरीका की नीति की सराहना की है। बोरेल ने कहा, यूरोप को भी इसी नीति पर चलना चाहिए। बोरेल ने कहा, इस मुद्दे पर यूरोपीय देशों की बैठक में इस नीति पर मुहर लगने का अनुमान है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने मंगलवार को पश्चिम और यूक्रेन को खुली चेतावनी देते हुए एक डिक्री पर साइन किए हैं, जिसमें इस बात का दायरा तय किया गया है कि मॉस्को किन हालात में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। नए सिद्धांत के अनुसार, सामूहिक विनाश के हथियार या पारंपरिक हथियारों के बड़े शस्त्रागार संपन्न शत्रुतापूर्ण देशों और सैन्य गुटों के आक्रमण को रोकने के लिए रूस परमाणु प्रतिरोध का उपयोग कर सकता है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई देश जिसके पास परमाणु शक्ति नहीं है, अगर वो किसी न्यूक्लियर पावर वाले गुट या देश के सपोर्ट से रूस पर हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग का सामूहिक ऐलान समझा जाएगा। रूसी सैन्य सहयोगियों को भी यही सुरक्षा मिलेगी।
रूसी फेडरेशन की सिक्योरिटी काउंसिल में डिप्टी चेयरमैन और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, 'रूस के नए परमाणु सिद्धांत का मतलब है कि हमारे देश के खिलाफ दागी गई नाटो मिसाइलों से रूस पर हमले को नाटो देश का हमला माना जाएगा। इसके बाद रूस कीव और प्रमुख नाटो ठिकानों के खिलाफ, चाहे वे कहीं भी स्थित हों, सामूहिक विनाश के हथियार (परमाणु हथियार) से जवाबी कार्रवाई कर सकता है।' अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब होगा तीसरा विश्व युद्ध।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा नामांकित किए गए वाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने कहा है कि कीव को रूस के खिलाफ लंबी दूरी के अमरीकी हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने से उस संघर्ष में और वृद्धि होगी, जिसे नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।