Constitution Day: भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ और यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारत के संविधान दिवस पर पढ़िए यह रोचक जानकारी :
Constitution Day: भारत ने इन 7 देशों के संविधान से प्रभावित होकर अपनी विधायिका, न्यायपालिका, और कार्यपालिका के अधिकारों का निर्धारण किया है। साथ ही, मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights), समानता, और न्याय के सिद्धांतों को भी इन अंतरराष्ट्रीय प्रभावों के आधार पर संविधान में शामिल किया गया। इसमें देश के शासन (Governance), अधिकारों और कर्तव्यों की व्यवस्था, नागरिकों के मौलिक अधिकार, और केंद्र-राज्य संबंधों की व्यवस्था की गई है। यह संविधान भारतीय लोकतंत्र (Democracy), समाजवाद और न्याय की नींव पर आधारित है। भारत का संविधान (India's Constitution) विश्व के कई देशों के संविधान से प्रभावित हुआ है, जिनमें से प्रमुख देशों के संविधान शामिल हैं:
प्रभाव: भारत का संविधान ब्रिटिश शासन से उत्पन्न हुआ है, और यह ब्रिटेन के पार्लियामेंटरी प्रणाली और सामान्य कानून (Common Law) पर आधारित है। भारत ने अपनी संसदीय प्रणाली, कैबिनेट सरकार, और संघीय संरचना में ब्रिटेन के मॉडल को अपनाया।
विशेषताएं: ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की पार्लियामेंट प्रणाली, राजशाही से लोकतांत्रिक संरचना में संक्रमण।
प्रभाव:अमेरिकी संविधान ने भारतीय संविधान में सीधे तौर पर संघीय ढांचे, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, और मौलिक अधिकारों को प्रभावित किया।
विशेषताएं: भारत में भी एक स्वतंत्र न्यायपालिका, राष्ट्रपति के पद का निर्माण और मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की अवधारणा अमेरिकी संविधान से ली गई है।
प्रभाव: भारत के संविधान के पर्मानेंट प्रिंसिपल्स और संरचनात्मक सिद्धांतों में आयरलैंड के संविधान का गहरा प्रभाव पड़ा।
विशेषताएं: आयरलैंड के संविधान के अनुच्छेदों से प्रेरित होकर भारतीय संविधान में DPSP (Directive Principles of State Policy) को शामिल किया गया है, जो सरकार को समाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
प्रभाव: ऑस्ट्रेलिया का संघीय ढांचा भारत के संविधान को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण तत्व था, खासकर राज्य और केंद्र के अधिकारों के निर्धारण में।
विशेषताएं: भारतीय संविधान में भी संघीय ढांचा ऑस्ट्रेलिया की तरह है, जिसमें राज्य और केंद्र के बीच अधिकारों का संतुलन स्थापित किया गया है।
प्रभाव: कनाडा के संविधान ने भारतीय संविधान में संघीय प्रणाली और शक्तियों के विभाजन के सिद्धांत को प्रभावित किया।
विशेषताएं: कनाडा में राज्यों और केंद्र के बीच अधिकारों का बंटवारा भारत में भी अपनाया गया है। इसके अलावा, "जो बिडेन" का संदर्भ और अंग्रेजी-अरबी दोनों भाषाओं का प्रयोग भारतीय संविधान में किया गया।
प्रभाव: जापान के संविधान के अनुच्छेदों ने भारतीय संविधान में "शक्ति का वितरण" और "स्वतंत्रता के सिद्धांत" को प्रभावित किया।
विशेषताएं: जापान की तरह भारतीय संविधान में नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता का विशेष संरक्षण किया गया है।
प्रभाव: न्यूजीलैंड के संविधान से भारतीय संविधान ने लोकतंत्र, न्याय और पार्लियामेंटरी प्रणाली को अपनाया।
विशेषताएं: न्यूजीलैंड की तरह भारत में भी संसद के दोनों सदनों का अस्तित्व है, और यहां भी किसी विशेषाधिकार के तहत प्रमुख कानूनों का अनुमोदन किया जाता है।