Trump-Xi Meet Amid Tariff Tensions: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि चिंता क्यों होनी चाहिए। ताइवान में कई ऐसी बातें हैं जिन्हें लेकर वह चिंतित हैं, और उनकी स्थिति को देखते हुए यह सही भी है।
Trump-Xi Meet Amid Tariff Tensions: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार एशिया दौरे पर रवाना हो चुके हैं। इस यात्रा के दौरान वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे, जो टैरिफ विवाद के बीच हो रही है। पूरी दुनिया की नजरें इस शिखर बैठक पर टिकी हैं, जहां व्यापारिक तनावों के समाधान की उम्मीदें हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस मुलाकात को लेकर ताइवान की चिंताओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका अपनी ताइवान नीति पर अडिग रहेगा।
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रुबियो ने मलेशिया के कुआलालंपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, मुझे समझ नहीं आता कि चिंता क्यों होनी चाहिए। ताइवान में कई ऐसी बातें हैं जिन्हें लेकर वह चिंतित हैं, और उनकी स्थिति को देखते हुए यह सही भी है, लेकिन राष्ट्रपति की बातचीत मुख्यतः हमारे देशों के आकार और महत्व के कारण अमेरिका और चीन के बीच कूटनीतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े रहने की आवश्यकता के अलावा, व्यापार के मोर्चे पर भी रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका ताइवान के साथ अपने लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को किसी व्यापार समझौते के लिए नहीं छोड़ेगा।
रुबियो ने आगे कहा, मुझे नहीं लगता कि आपको कोई ऐसा व्यापार समझौता देखने को मिलेगा, जहां लोगों को इस बात की चिंता हो कि हमें कोई ऐसा व्यापार समझौता मिलेगा या जहां ताइवान से अलग होने के बदले में हमें व्यापार को लेकर अनुकूल व्यवहार मिलेगा। ऐसा कोई नहीं सोच रहा है। यह बयान ऐसे समय आया है जब शी जिनपिंग ने अमेरिका से ताइवान की स्वतंत्रता पर अपनी नीति बदलने की मांग दोहराई है। ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है, जिसका जवाब चीन ने भी काउंटर-टैरिफ से दिया है। रुबियो ने बताया कि ट्रंप और शी के बीच 'सकारात्मक कार्य संबंध' हैं, और बैठक 'उत्पादक' साबित होगी।
बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार देखा गया है, जो भारत-अमेरिका संबंधों और भारत-पाकिस्तान तनाव पर असर डाल सकता है। रुबियो ने इस मुद्दे पर भारत को आश्वस्त करते हुए कहा, हम जानते हैं कि वे स्पष्ट कारणों से चिंतित हैं क्योंकि पाकिस्तान और भारत के बीच ऐतिहासिक रूप से तनाव रहा है, लेकिन, मुझे लगता है कि उन्हें यह समझना होगा कि हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध रखने होंगे।