चीन की सेना में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बन गया है। ऐसे में अब राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक सख्त कदम उठाया है।
चीन (China) की सेना में भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है, जिससे सैन्य ताकत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के नेतृत्व में एक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भी चलाया जा रहा है जिससे सेना में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोका जा सके। पिछले कुछ सालों में चीन की सेना के कई अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए हैं। अब जिनपिंग ने एक सख्त कदम उठाते हुए सेना के तीन अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।
जिनपिंग ने सेना के 3 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। राष्ट्रीय जन कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति ने वांग रेनहुआ (Wang Renhua), झांग होंगबिंग (Zhang Hongbing) और वांग पेंग (Wang Peng) को निष्कासित कर दिया है। तीनों ही चीन की सेना के शीर्ष अधिकारियों में से थे। 63 वर्षीय रेनहुआ सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की राजनीतिक और कानूनी मामलों की समिति के प्रमुख थे। उन्हें मार्च 2024 में जिनपिंग द्वारा एडमिरल बनाया गया था। वह सैन्य अदालतों, अभियोजकों और जेलों की देखरेख करते थे। 59 वर्षीय होंगबिंग पीपुल्स आर्म्ड पुलिस के राजनीतिक कमिसार थे, जिन्हें 2022 में पूर्ण जनरल बनाया गया था। पहले वह पीएलए के पूर्वी थिएटर कमांड के राजनीतिक कमिसार भी रह चुके हैं। 61 वर्षीय पेंग सीएमसी के प्रशिक्षण विभाग के निदेशक थे, जिन्हें 2021 में लेफ्टिनेंट जनरल बनाया गया था। वह पूर्वी थिएटर कमांड में डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं।
जिनपिंग मानते हैं कि चीन में सैन्य सुधार के लिए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ज़रूरी है। इस अभियान के तहत अब तक कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया जा चुका है और कई सैन्य अधिकारियों को तो दंडित भी किया जा चुका है। यह अभियान सैन्य वफादारी और दक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास है।