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Public Curfew से हरमंदिर साहिब में 1984 की आई याद, जानिए क्या हुआ था

locationअमृतसरPublished: Mar 22, 2020 10:48:39 am

Submitted by:

Bhanu Pratap

विश्वव्यापी कोरोनावायरस Coronavirus को हराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी PM Narendra Modi के आह्वान पर पूरे देश में जनता कर्फ्यू Public curfew चल रहा है।

Golden temple

Public Curfew से हरमंदिर साहिब में 1984 की आई याद, जानिए क्या हुआ था

अमृतसर (धीरज शर्मा)। विश्वव्यापी कोरोनावायरस Coronavirus को हराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी PM Narendra Modi के आह्वान पर पूरे देश में जनता कर्फ्यू Public curfew चल रहा है। इसका पंजाब Punjab पर भी अच्छा खासा असर है। सड़कें सुनसान हैं। चौराहे खाली हैं। पुलिस और मीडिया वाले ही सड़क पर दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान अमृतसर Amritsar के हरमंदिर साहिब Harmandir Sahib, Golden temple को देखकर 1984 के ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार Operation blue star की याद आ गई। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद श्रद्धालुओं Devotees की संख्या अंगुलियों पर गिनने लायक रह गई है। ठीक वैसा ही हाल रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान दिखाई दे रहा है।
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क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार

पंजाब के अमृतसर में सिखों का सर्वाधिक पवित्र स्थल है श्री हरमंदिर साहिब। इसे स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। सिखों को चौथे गुरु रामदास ने दिसम्बर 1585 में हरमंदिर साहिब की नींव रखी थी। यह 1604 में बनकर पूर्ण हुआ। हरमंदिर साहिब पर खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों ने कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान के समर्थन से यहां से पूरे पंजाब में आतंक फैलाया जा रहा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर हरमंदिर साहब को भिंडरावाले के कब्जे से मुक्त कराने के लिए भारतीय सेना ने 1984 में तीन से छह जून तक ऑपरेशन ब्लू स्टार अभियान चलाया था। इसमें सेना के 83 सैनिक शहीद हुए। 248 अन्य सैनिक घायल हुए। 492 अन्य लोगों की मौत हुई थी। 1,592 लोगों गिरफ्तार किए गए थे। ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के विरोध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को हत्या कर दी गई थी।
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क्या कहते हैं श्रद्धालु

1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद हरमंदिर साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक गिरावट हो गई थी। आसपास रहने वाले श्रद्धालु ही मत्था टेककर अपने कार्य पर जाते थे। कुछ ऐसा ही नजारा जनता कर्फ्यू के दौरान दिखाई दिया है। श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहने वाला हरमंदिर साहब लगभग सूना सा है। वैसे आमतौर पर एक लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं। यहां चौबीसो घंटे लंगर की व्यवस्था है। अमरीक सिंह निवासी आता मंडी, अमृतसर और गुरबर सिंह निवासी छेहारटा अमृतसर ने बताया कि आज तो 1984 की याद आ गई। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि हरिमंदिर साहिबजी में कम ही सही श्रद्धालु आ तो रहे हैं। अन्य मंदिरों में तो ताले ही पड़ गए हैं।
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