
लाल किला कार विस्फोट के पीड़ितों को इलाज के लिए लाए जाने के बाद एलएनजेपी अस्पताल के बाहर विलाप करते एक पीड़ित के परिवार के सदस्य।PC : IANS
Delhi Blast: दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने एक ऐसी दगी खत्म कर दी, जो अपने परिवार के लिए दिन-रात दो-दो नौकरियां कर रही थी। संविदा पर डीटीसी बस में कंडक्टर की नौकरी करने वाला अशोक सुबह-सुबह चांदनी चौक की एक कंपनी में गार्ड का काम करता करता था। बताया जा रहा है कि संविदा पर नौकरी से उसे इतना पैसा नहीं मिलता था, जिससे कि वह अपने परिवार के खर्च पूरा कर सके इसलिए वह गार्ड का काम भी करता था।
अशोक के मंगरौला निवासी दोस्त मिंटू बताते हैं कि सोमवार सुबह उसका फोन आया था। बोला कि डीटीसी की नौकरी से घर नहीं चलता, इसलिए गार्ड की ड्यूटी भी करनी पड़ती है। उसने कहा कि दिल्ली में बच्चों की पढ़ाई और किराया इतना महंगा है कि अब दम घुटने लगा है।
मिंटू दोस्त की बात बताते हुए फफक पड़ते हैं। मिंटू की आवाज भर्रा जाती है। आगे बताते हैं कि वो थका हुआ लग रहा था। कह रहा था कि अब क्या करूं भाई, दो-दो नौकरी करके भी कुछ नहीं बचता। और कुछ ही घंटे बाद खबर आई… ब्लास्ट में अशोक की मौत हो गई।
अशोक और उसके भाई सुभाष के पास कुल 7 बीघा खेती है। इतने जमीन में दो परिवारों का गुजारा नहीं हो पा रहा था। इंटर करने के बाद अशोक गांव छोड़कर दिल्ली चला गया था। कुछ साल उसने दूध का कारोबार किया, लेकिन इससे उसका खर्च नहीं चल पा रहा था। इस वजह से उसने नौकरी शुरू की।
Updated on:
11 Nov 2025 10:51 am
Published on:
11 Nov 2025 08:55 am
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